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आप पोर्न ज्यादा देखते हैं, पुलिस की रडार पर हैं..., साइबर ठगों का नया पैंतरा, क्या आपके पास भी आया ऐसा मैसेज?

साइबर ठगों ने अब लोगों को धोखा देने का नया तरीका खोज निकाला है। वे CBI अधिकारी बनकर फर्जी ई-मेल और फोन कॉल के जरिए लोगों को डरा रहे हैं। साइबर ठग लोगों को कॉल कर कहते हैं कि हमने आपकी गूगल हिस्ट्री ट्रेस की है। जिससे सामने आया है कि आप अश्लील सामग्री (पोर्न) ज्यादा देखते हैं। 


इसके आधार पर उक्त कॉल करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तारी वारंट भेजने की धमकी दी जाती है और इस गिरफ्तारी से बचने के लिए बड़ी रकम की मांग की जाती है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस मामले में केवल सामान्य लोग ही नहीं बल्कि प्रोफेशनल भी इसमें फंस जाते हैं। इसमें फंसने वालों में टीन ऐज के लड़के, टीचर, वकील और गवर्नमेंट जॉब करने वाले लोग भी हैं। सभी को अपनी इज्जत जाने का डर होता है। ऐसे में साइबर ठग लोगों को आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं।

 


फर्जी ई-मेल और कॉल से हो रही ठगी


साइबर ठगों के द्वारा भेजे गए ई-मेल CBI और पुलिस की असली ई-मेल आईडी से मिलते-जुलते होते हैं। इससे पीड़ित को शक नहीं होता और वह ठगों के झांसे में आ जाता है। जब तक वह इस जाल को समझ पाता है, तब तक उसके बैंक खाते से रकम निकल चुकी होती है। पीड़ित समझ चुका होता है कि उसके साथ साइबर ठगी हुई है।


डेटा लीक होने के कारण बढ़ रहा है साइबर अपराध


विशेषज्ञों के अनुसार, कई स्तरों पर डेटा ब्रीच हो रहा है, जिससे साइबर अपराधी लोगों की निजी जानकारी हासिल कर रहे हैं। यदि कोई व्यक्ति अपनी ई-मेल आईडी किसी अन्य कंप्यूटर या मोबाइल पर खोलता है या किसी अविश्वसनीय वेबसाइट पर गूगल मेल से लॉग इन करता है, तो उसकी जानकारी ठगों के हाथ लग सकती है।


साइबर ठगी के दो मामले


केस 1:


एक व्यक्ति को CBI अधिकारी के नाम से एक ई-मेल प्राप्त हुआ, जिसमें दावा किया गया कि उसकी गूगल हिस्ट्री में पोर्न देखने की अधिकता पाई गई है। मेल के साथ एक फर्जी गिरफ्तारी वारंट भी अटैच था, जिसमें सरकारी कार्यालय का नकली ठप्पा लगा था। व्यक्ति को दिल्ली स्थित एक कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया गया था।


केस 2:


एक दुकानदार को फोन कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाले ने स्वयं को इंटेलिजेंस इंस्पेक्टर बताया। उसने कहा कि मोबाइल हिस्ट्री के अनुसार वह लगातार पोर्न देख रहा है, जो अवैध है। इसके लिए उसे कानूनी सजा हो सकती है। इसके बाद उसे दिल्ली की एक अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया गया।

 


कैसे बचें साइबर ठगी से?


अगर कोई साइबर ठगी का शिकार होता है, तो उसे तुरंत निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:


✔ राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें और घटना की जानकारी दें।
✔ नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करवाएं।
✔ स्थानीय साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएं।
✔ फिशिंग ई-मेल का जवाब न दें और संदिग्ध मेल को ब्लॉक करें।
✔ किसी भी वेबसाइट पर अपनी ई-मेल आईडी और पासवर्ड दर्ज करने से पहले उसकी प्रामाणिकता जांच लें।


क्या कहते हैं एक्सपर्ट?


साइबर एक्सपर्ट मृत्युंजय सिंह का कहना है कि साइबर ठग फिशिंग मेल और कॉल के जरिए लोगों को जाल में फंसाते हैं। वे 100 लोगों को ई-मेल या कॉल करते हैं, जिनमें से 2-3 लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। इन ठगों का मुख्य निशाना बुजुर्ग और तकनीकी रूप से कम जानकार लोग होते हैं। जब लोगों को एक ठगी के तरीके की समझ होने लगती है, तो ठग 6 महीने या 1 साल के भीतर अपना तरीका बदल लेते हैं।

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