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यूपी में बड़े सेक्स रैकेट का पर्दाफाश: मास्टरमाइंड रेशमा खान और आफताब ने गोरखपुर से बिहार तक फैलाया ‘धंधा’, हिंदू बन प्यार का झांसा देकर लड़कियों को धंधे में फंसाते थे

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और बिहार के पूर्णिया में हाल ही में बड़े सेक्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। इन मामलों में 22 वर्षीय रेशमा खान और आफताब खान मुख्य साजिशकर्ता बताए जा रहे हैं। पुलिस जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिनसे पता चला कि ये लोग लड़कियों को बहला-फुसलाकर देह व्यापार में धकेलते थे और विरोध करने पर ब्लैकमेल करते थे। इन रैकेट्स के तार नेपाल और अन्य राज्यों तक फैले हुए थे।

 


गोरखपुर में रेशमा खान का संगठित नेटवर्क


गोरखपुर में संचालित सेक्स रैकेट की मास्टरमाइंड रेशमा खान ने अपना जाल आसपास के इलाकों तक फैला रखा था। वह आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों को निशाना बनाती थी और उन्हें देह व्यापार में धकेलने के बाद मोटी कमाई करती थी। पुलिस के अनुसार, अब तक 300 से अधिक लड़कियों को इस धंधे में फँसाया जा चुका था।


रेशमा पहले खुद इस गिरोह का शिकार बनी थी, लेकिन बाद में वह खुद इस घिनौने खेल की संचालक बन गई। उसकी मुलाकात तीन साल पहले जीनस बाटल रेस्टोरेंट के मालिक अनिरुद्ध ओझा से हुई थी, जिसके बाद उसने इस धंधे में कदम रखा। अनिरुद्ध ओझा भी लड़कियों को झांसे में लेकर उनका यौन शोषण करता था और फिर उन्हें इस दलदल में फँसा देता था।


रेशमा का तरीका बेहद खतरनाक था। वह हुक्का बार में आने वाली लड़कियों को टारगेट करती थी, उन्हें बड़ी रकम कमाने का लालच देती थी और अगर कोई विरोध करता तो ब्लैकमेल करके उसकी तस्वीरें परिवार को भेजने की धमकी देती थी। इसके अलावा, वह इंटरव्यू के बहाने लड़कियों को होटल में बुलाकर उनके साथ रेप कराती थी और फिर उनकी तस्वीरें लेकर उन्हें जबरन देह व्यापार में धकेल देती थी।


पूर्णिया में आफताब खान का घिनौना जाल


बिहार के पूर्णिया में सेक्स रैकेट के सरगना आफताब खान ने भी अपने गिरोह का बड़ा नेटवर्क बना रखा था। वह अपना नाम बदलकर लड़कियों को प्रेम जाल में फँसाता था। उसने अपनी पहचान अंकित तिवारी के रूप में छिपा रखी थी, जबकि उसका साथी शाकिब खुद को राजीव साह बताता था।


इन लोगों का तरीका भी बेहद क्रूर था। लड़कियों को प्यार में फँसाकर उनसे जबरन वेश्यावृत्ति करवाई जाती थी। एक रात के लिए 10 हजार रुपए तक लिए जाते थे और जो लड़कियाँ मना करती थीं, उन्हें धमकाया जाता था। इतना ही नहीं, ये लोग लड़कियों को दूसरे राज्यों में बेच भी देते थे।


29 जनवरी को पूर्णिया में इस सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ, जब पुलिस ने छापेमारी कर 11 नाबालिग लड़कियों को रेस्क्यू किया और 32 लोगों को गिरफ्तार किया। हालांकि, मुख्य आरोपी आफताब खान अभी भी फरार है, और पुलिस उसकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।


नेक्सस के नेपाल तक जुड़े तार


जांच में सामने आया कि रेशमा खान के देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, मऊ, बलिया, आजमगढ़, बस्ती और सिद्धार्थनगर जैसे जिलों में गहरे संपर्क थे। यही नहीं, उसका नेटवर्क नेपाल तक फैला हुआ था।


रेशमा महज 10वीं पास थी, लेकिन उसने इतने पैसे कमा लिए थे कि कम उम्र में ही उसे लग्जरी जीवन जीने की लत लग गई थी। उसके गिरोह के सदस्य हाई-प्रोफाइल लड़कियों और कॉलेज की छात्राओं को इस धंधे में घसीटने का काम करते थे।


आफ़ताब फरार, ढूंढ रही पुलिस


गोरखपुर केस में पुलिस ने मुख्य आरोपी रेशमा खान को गिरफ्तार कर लिया है, और उससे पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। लेकिन पूर्णिया में आफताब खान अभी भी गिरफ्तारी से बच रहा है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही उसे भी पकड़ लिया जाएगा।

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