सिलाई कढ़ाई के नाम पर औरतों का कराते थे धर्म परिवर्तन, 600 लोगों की लिस्ट तैयार, मिर्जापुर में धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़, मास्टरमाइंड समेत पांच आरोपी गिरफ्तार

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मिर्जापुर जिले की अहरौरा पुलिस ने एक बड़े धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मंगलवार को छापेमारी करते हुए गिरोह के मास्टरमाइंड समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार मास्टरमाइंड तमिलनाडु का रहने वाला देव सहायम डैनियल है, जिस पर पहले भी धर्मांतरण कराने के मामले दर्ज हो चुके हैं। इस कार्रवाई से जिले में हड़कंप मच गया है।

 

एसएसपी सोमेन बर्मा ने प्रेसवार्ता में जानकारी दी कि पुलिस को शिकायत मिली थी कि अहरौरा थाना क्षेत्र के एक दूरस्थ इलाके में बड़ी संख्या में लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। सूचना पर पुलिस ने तुरंत छापेमारी की और मौके से दो लोगों को गिरफ्तार किया। इसके बाद मामले की गहन जांच शुरू हुई, जिसमें गिरोह की साजिश का खुलासा हुआ।

 

 

पुलिस की जांच में पता चला कि तमिलनाडु निवासी देव सहायम डैनियल लंबे समय से मिर्जापुर और आसपास के जिलों में धर्मांतरण गतिविधियों को संचालित कर रहा था। पुलिस ने छानबीन के दौरान पाया कि डैनियल के साथ कई स्थानीय लोग भी इस काम में शामिल थे।

 

गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों की पहचान सोनभद्र निवासी मिथिलेश कुमार कोल, रजौली निवासी ओमप्रकाश, कटरा निवासी पारस सोनकर और चंदौली निवासी थॉमस रामसेवक के रूप में हुई है। पुलिस पूछताछ में डैनियल ने स्वीकार किया कि वह इस नेटवर्क का फील्ड इंचार्ज है और जुलाई 2024 से क्षेत्र में सक्रिय है। उसने बताया कि अब तक करीब 70 लोगों का धर्मांतरण कराया जा चुका है, जबकि 600 लोगों की सूची तैयार की गई थी। इस सूची पर जल्द अमल की योजना बनाई गई थी।

 

गिरोह का निशाना मुख्यतः गरीब, निर्बल और आदिवासी समुदाय के लोग थे, जिन्हें 'चंगाई प्रार्थना सभा' और आर्थिक मदद के नाम पर प्रलोभन देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता था। एसएसपी के मुताबिक, डैनियल ने यह भी बताया कि उसके अधीन आठ लोग कार्यरत हैं। इन्हें सोसाइटी की ओर से वेतन, भत्ता और प्रचार-प्रसार के लिए धन उपलब्ध कराया जाता है। ये लोग गांव-गांव जाकर महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता देने का लालच देकर धीरे-धीरे उन्हें धर्मांतरण की ओर ले जाते थे।

 

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से धर्मांतरण संबंधी कई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं। इनमें एक रजिस्टर, डोनेशन रजिस्टर, व्यक्तिगत डेटा, चार मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और एक डीवीआर शामिल है। बरामद डिजिटल साक्ष्यों की जांच की जा रही है, जिससे गिरोह के नेटवर्क और फंडिंग स्रोतों का खुलासा होने की उम्मीद है।

 

 

फिलहाल, पुलिस गिरफ्तार सभी आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है और उनके अन्य संपर्कों की जानकारी जुटाई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस पूरे गिरोह की जड़ तक पहुंचकर और गिरफ्तारियां की जाएंगी।

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