UP News: वाराणसी में रेटिना सर्जरी के बाद सात साल की मासूम की मौत, परिजनों ने किया हंगामा, अस्पताल पर लापरवाही का आरोप

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वाराणसी। शहर के महमूरगंज इलाके में स्थित एक निजी नेत्र अस्पताल में सात वर्षीय बच्ची की मौत के बाद शुक्रवार को हंगामा खड़ा हो गया। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की मांग की है। मृतका की पहचान अनाया के रूप में हुई है, जो आंख की सर्जरी के बाद अचानक चल बसी।

मिली जानकारी के अनुसार, अनाया की आंख में दर्द और धुंधला दिखने की शिकायत थी। इस पर परिवार के लोग उसे ASG आई हॉस्पिटल महमूरगंज लेकर पहुंचे। अस्पताल में जांच के बाद बच्ची की रेटिना में समस्या बताई गई और उसे सर्जरी के लिए महमूरगंज के ही Matcare मैटरनिटी एंड चाइल्ड केयर अस्पताल रेफर कर दिया गया।

 

सर्जरी के बाद बताया गया था सब ठीक है

अनाया के पिता रिजवान ने बताया कि डॉक्टरों ने रेटिना की सर्जरी के बाद उन्हें आश्वस्त किया था कि बच्ची बिल्कुल स्वस्थ है और धीरे-धीरे रिकवर कर जाएगी। परिवार को भी यही भरोसा था कि अब सब ठीक हो जाएगा, लेकिन कुछ ही घंटों में सब कुछ बदल गया।

रिजवान ने कहा, “15 और 16 अक्टूबर की रात अचानक अनाया की तबीयत बिगड़ गई। हम लोग तुरंत डॉक्टरों को बुलाने दौड़े, लेकिन किसी ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। कुछ देर बाद डॉक्टर आए और बोले कि कार्डियोरेस्पिरेटरी फेल्योर के कारण अनाया की मौत हो गई है। हमें समझ नहीं आया कि एक स्वस्थ बच्ची इतनी जल्दी कैसे चली गई।

 

परिजनों ने किया हंगामा, पुलिस ने संभाली स्थिति

अचानक हुई मौत की सूचना पर परिवार शोक और आक्रोश में आ गया। परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह परिजनों को शांत कराया।

परिजनों ने भेलूपुर थाने में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ तहरीर दी है। इसके साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर मामले की उच्चस्तरीय जांच और अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की मांग की है।

पुलिस ने शुरू की जांच

भेलूपुर क्षेत्र के एसीपी गौरव कुमार ने बताया कि परिजनों की ओर से लिखित तहरीर प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा, मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मेडिकल दस्तावेजों के आधार पर साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। यदि अस्पताल प्रशासन या किसी चिकित्सक की लापरवाही पाई गई, तो उनके खिलाफ सख्त विधिक कार्रवाई की जाएगी।

 

चिकित्सकीय लापरवाही या आकस्मिक मौत?

परिजनों का आरोप है कि सर्जरी के बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ने के बावजूद डॉक्टरों ने न तो समय पर इलाज दिया, न ही उसे किसी बड़े केंद्र में रेफर किया। वहीं अस्पताल प्रशासन ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार, अस्पताल प्रबंधन की ओर से आंतरिक जांच की बात कही जा रही है।

इस बीच, अनाया के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मां की आंखों से आंसू थम नहीं रहे, जबकि पिता रिजवान का कहना है कि हम अपनी बच्ची को आंख का इलाज कराने लाए थे, लेकिन हमें उसकी लाश मिली। जब तक हमें न्याय नहीं मिलेगा, हम चुप नहीं बैठेंगे।

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