वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने एक सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश किया है, जिसमें फर्रुखाबाद का रहने वाला मोहम्मद शरफ रिजवी, नाम और पहचान बदलकर झूठे वादों के सहारे, एक-दो नहीं बल्कि 12 महिलाओं से शादी कर चुका है। पुलिस के अनुसार, इन शादियों के पीछे उसका मकसद था पैसों की ठगी, महंगे गिफ्ट हासिल करना और अंत में अपनी असली इस्लामिक पहचान बताकर पीड़िताओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाना।
तीन राज्यों तक फैलाया जाल
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस जांच में अब तक यूपी समेत तीन राज्यों की 12 महिलाओं का डेटा सामने आया है, जिनसे शरफ ने शादी की या शादी का झांसा दिया। पुलिस इन सभी महिलाओं से संपर्क साध रही है, ताकि पूरे मामले की कड़ियां जोड़ी जा सकें। शुरुआती पूछताछ में शरफ ने माना कि उसका शिकार करने का एक तयशुदा तरीका था—पहला, मैट्रिमोनियल साइट्स के जरिए संपर्क; दूसरा, शादी का प्रस्ताव रखकर कैश और गिफ्ट लेना; और तीसरा, शादी के बाद अपनी असली पहचान बताकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करना।
सोशल मीडिया से शुरू होती थी साजिश
शरफ ने पूछताछ में बताया कि पहले उसने फेसबुक पर अपने असली नाम से अकाउंट बनाया था, लेकिन उस पर ज्यादा दोस्त नहीं जुड़े। करीब तीन साल तक उसके खाते में महज 500 दोस्त ही जुड़े, जबकि उसके हिंदू दोस्तों के हजारों फॉलोअर्स थे। इसी तुलना ने उसे नाम बदलने की योजना बनाने पर मजबूर किया।
उसने पहले "सम्राट सिंह" के नाम से नया फेसबुक अकाउंट बनाया और देखा कि इस पहचान पर महिलाएं जल्दी जुड़ रही हैं। सफलता देखकर उसने "अजय कुमार" और "विजय कुमार" नाम से दो और आईडी बना डालीं। यही नहीं, मैट्रिमोनियल साइट्स पर भी "सम्राट सिंह" के नाम से प्रोफाइल बनाकर उसने एक नया शिकार तंत्र तैयार किया।
शादी डॉट कॉम से मिला सीधा संपर्क
शरफ ने एक मैट्रिमोनियल साइट पर प्रोफाइल बनाकर करीब 100 से ज्यादा महिलाओं को रिक्वेस्ट भेजीं। वह सब्सक्रिप्शन लेकर प्रोफाइल चेक करता, महिलाओं से बातचीत शुरू करता और धीरे-धीरे खुद को एक बड़े एक्सपोर्टर, कई शहरों में प्रॉपर्टी के मालिक और हाई-प्रोफाइल लाइफस्टाइल वाले व्यक्ति के रूप में पेश करता।
जब परिवार वाले ज्यादा जानने की कोशिश करते, तो वह अपने दोस्तों को फर्जी रिश्तेदार बनाकर उनसे बात करवाता। इस दौरान वह कभी भी अपने वास्तविक परिवार की जानकारी साझा नहीं करता।
महंगी गाड़ियां और सूट से दिलाता था भरोसा
शरफ ने कबूल किया कि मुलाकात के लिए वह हमेशा दूर के शहरों की महिलाओं को चुनता था, ताकि वे उसके असली पते तक न पहुंच पाएं। मुलाकात के लिए किराए पर महंगी गाड़ियां हायर करता, महंगे सूट पहनता और होटल में रुककर खुद को प्रभावशाली दिखाने का प्रयास करता।
परिवारों को प्रभावित करने के बाद वह उनके घर ठहर जाता, शहर घुमाने के बहाने महिला के साथ अकेले समय बिताता और कई बार शादी से पहले ही शारीरिक संबंध बना लेता। इसके बाद शादी की तैयारियों के नाम पर पैसे लेता और फिर संपर्क तोड़ देता।
असली नाम उजागर कर करता था धर्मांतरण का दबाव
जब किसी महिला या उसका परिवार शादी के लिए दबाव बनाता, तो शरफ अपनी असली पहचान बताता—"मेरा नाम मोहम्मद शरफ रिजवी है"—और कहता कि निकाह करने के लिए इस्लाम कबूल करना होगा। पुलिस के अनुसार, उसने 12 महिलाओं को धर्म बदलकर शादी के लिए राजी कर लिया था और इस दौरान वह इस्लामिक ग्रुपों में सक्रिय था। इन ग्रुपों में वह अपनी "कामयाबी" साझा करता और साथी उसे प्रोत्साहित करते।
पुलिस के चंगुल में ऐसे फंसा...
शरफ की गिरफ्तारी सारनाथ की एक युवती के मामले में हुई। जुलाई 2025 में, इस युवती के परिवार ने उसका प्रोफाइल एक मैट्रिमोनियल साइट पर डाला था। "सम्राट सिंह" बनकर शरफ ने उससे संपर्क किया और शादी की इच्छा जताई। कई दिनों की बातचीत के बाद, 13 जुलाई को वह शादी पर चर्चा के लिए युवती के फ्लैट पर पहुंचा। परिवार से वीडियो कॉल करवाई, शादी तय होने का झूठा भरोसा दिया और युवती का विश्वास जीत लिया।
इसके बाद वह काशी घूमने के बहाने वहीं रुक गया और शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए। उसने विवाह खर्च के नाम पर 5 लाख रुपये आशापुर स्थित केनरा बैंक से निकलवाकर ले लिए। इसके बाद शहर के कई होटलों में रुककर और लखनऊ तक जाकर युवती से संबंध बनाए।
सच्चाई सामने आने के बाद मामला थाने पहुंचा
कुछ दिनों बाद युवती को पता चला कि उसका नाम सम्राट सिंह नहीं, बल्कि मोहम्मद शरफ रिजवी है और वह फर्रुखाबाद के चीनी ग्राम का रहने वाला है। यह जानने के बाद परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में शरफ ने स्वीकार किया कि सारनाथ की युवती के परिवार से उसने 5 लाख रुपये लिए, जिनमें से 4.50 लाख रुपये उसने रहने-खाने और घूमने-फिरने पर खर्च कर दिए, जबकि 50 हजार रुपये बचे हैं। पुलिस को अब उससे जुड़े फंडिंग के पहलू में एक इस्लामिक संगठन का नाम भी मिला है, लेकिन फिलहाल उसे सार्वजनिक नहीं किया गया है।