वाराणसी। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दीक्षा महिला कल्याण शोध संस्थान ने निःशुल्क समर कैंप की शुरुआत की है। यह शिविर 4 मई से हुकुलगंज स्थित संस्था के कार्यालय में चल रहा है और इसमें महिलाओं व किशोरियों को सिलाई, मेंहदी, नृत्य एवं ब्यूटीशियन के विभिन्न कोर्सों का व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह शिविर पूरी तरह से निशुल्क है और छह माह की अवधि में प्रतिभागियों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु आवश्यक सभी व्यावहारिक कौशल सिखाए जाएंगे।

संस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोषी शुक्ला ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम केवल हुनर सिखाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, ताकि वे अपने पैरों पर खड़ी होकर सम्मान के साथ जीवन जी सकें। प्रशिक्षण समाप्त होने के उपरांत प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा, जो उन्हें भविष्य में स्वरोजगार या किसी भी प्रशिक्षण आधारित नौकरी प्राप्त करने में मदद करेगा।

शिविर में अब तक 50 से अधिक महिलाओं व बालिकाओं ने पंजीकरण कराया है। उनके प्रशिक्षण के लिए अनुभवी प्रशिक्षकों की एक विशेष टीम नियुक्त की गई है, जो उन्हें सिलाई-कढ़ाई, पारंपरिक एवं आधुनिक मेंहदी डिज़ाइन, भारतीय नृत्य की विविध शैलियां और ब्यूटीशियन के व्यावसायिक कौशल सिखाएगी। इस प्रशिक्षण के जरिये महिलाएं भविष्य में स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं या फिर किसी भी संस्थान में रोजगार प्राप्त कर सकती हैं।

संस्था की ओर से यह भी घोषणा की गई है कि जिन प्रशिक्षुओं का प्रदर्शन विशेष रूप से उत्कृष्ट रहेगा, उन्हें निशुल्क सिलाई मशीन प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपने व्यवसाय की शुरुआत स्वयं कर सकें। यह उपहार न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें स्वरोजगार की राह पर भी अग्रसर करेगा।


संस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोषी शुक्ला ने बताया कि दीक्षा महिला कल्याण शोध संस्थान पिछले नौ वर्षों से सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में सक्रिय है। संस्था न केवल महिलाओं को प्रशिक्षित कर रही है, बल्कि बच्चों को भी निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध करा रही है। वर्तमान में यहां 400 से अधिक बच्चे मुफ्त शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। संस्था का उद्देश्य शिक्षा, कौशल और आत्मनिर्भरता के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों को मुख्यधारा में लाना है।