चंदौली। सामाजिक संस्था चेतना मंच ने शिक्षा के क्षेत्र में अपने अनूठे प्रयासों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष भी ‘ज्ञान ज्योति केंद्र’ की नई श्रृंखला की शुरुआत की है। पांच नवंबर से प्रारंभ होकर 31 मार्च तक चलने वाले इस सत्र में कुल 25 स्थानों पर ज्ञान ज्योति केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों पर शिक्षण कार्य के लिए चयनित शिक्षा प्रेरक बहनों को पहले ही आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है, जिससे वे बच्चों को प्रभावी रूप से शिक्षा दे सकें।
ड्रॉपआउट बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने का अभियान
‘ज्ञान ज्योति केंद्र’ का उद्देश्य उन बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाना है, जो किसी कारणवश स्कूल से छूट गए हैं या कभी स्कूल गए ही नहीं। चेतना मंच की टीम पहले ऐसे बच्चों को पहचानती है, फिर उनके अभिभावकों से संवाद कर उन्हें केंद्रों तक लाने का प्रयास करती है। एक बार जब बच्चे नियमित रूप से आने लगते हैं, तो वहीं अस्थायी रूप से उनकी कक्षाएं शुरू कर दी जाती हैं। छह माह की शिक्षा के उपरांत बच्चों का प्रवेश किसी सरकारी या गैर सरकारी विद्यालय में करा दिया जाता है, ताकि वे आगे की पढ़ाई जारी रख सकें।
16 वर्षों में 23,500 से अधिक बच्चों का जीवन बदला
चेतना मंच के इस अभियान ने बीते 16 वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। अब तक संस्था ने लगभग 23,500 बच्चों को शिक्षित कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने में सफलता पाई है। खास बात यह है कि ये सभी केंद्र मुख्य रूप से शहर की मलिन बस्तियों में संचालित होते हैं, जहां बच्चों को शिक्षा का अवसर मिलना कठिन होता है।
समाज के सहयोग से चलने वाला अभियान
‘ज्ञान ज्योति केंद्र’ किसी सरकारी सहायता से नहीं, बल्कि समाज के सहयोग से चलता है। लोग अपनी सामर्थ्य के अनुसार शिक्षण सामग्री, प्रेरक बहनों के मानदेय और अन्य आवश्यक संसाधनों से सहयोग करते हैं। संस्था के सदस्य किसी भी प्रकार की नकद राशि स्वीकार नहीं करते, बल्कि सहयोग सीधे सामग्री या मानदेय के रूप में प्रेरकों को दिया जाता है। यही पारदर्शिता इस अभियान की नींव मानी जाती है।
शिक्षा ही सर्वोत्तम सेवा: चेतना मंच का संकल्प
संस्था के संस्थापक व संयोजक डॉ. विनय कुमार वर्मा ने कहा कि “समाज के लिए सर्वोत्तम सेवा शिक्षा का दान है। जब समाज शिक्षित होगा, तो वह अपने विकास का रास्ता स्वयं खोज लेगा।” अध्यक्ष विनोद कुमार गुप्ता और महामंत्री प्रकाश चौरसिया ने भी लोगों से आह्वान किया कि वे इस अभियान से जुड़कर समाज के वंचित तबके तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाने में सहयोग करें।