वाराणसी। ज्ञान और आध्यात्म का केंद्र रही काशी में विचार मंथन की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है। इसी कड़ी में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कमिश्नरी सभागार में आयोजित संगोष्ठी में केंद्रीय बजट 2025-26 पर अपने विचार व्यक्त किए। इस दौरान उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था, धार्मिक पर्यटन के प्रभाव, डिजिटल लेन-देन, रक्षा बजट, कर सुधार और वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत की बढ़ती ताकत जैसे कई विषयों पर चर्चा की।
धार्मिक पर्यटन से भारतीय अर्थव्यवस्था को मिली मजबूती
डॉ. त्रिवेदी ने अपने संबोधन में महाकुंभ और महाशिवरात्रि पर्व के संयोग को एक विशेष अवसर बताया। उन्होंने कहा कि जो लोग यह प्रश्न उठाते हैं कि धार्मिक आयोजनों का अर्थव्यवस्था से क्या संबंध है, उन्हें यह समझना चाहिए कि प्रयागराज में होने वाला कुंभ मेला भारतीय अर्थव्यवस्था में 3 लाख करोड़ रुपये का योगदान देता है। उन्होंने बताया कि कुंभ का आयोजन देश की जीडीपी में 1% की वृद्धि करता है।
इसके अलावा, उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण से वाराणसी में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की संख्या में हुई वृद्धि का जिक्र किया। वर्ष 2021 में काशी में 30 लाख 78 हजार पर्यटक आए थे, जबकि 2024 तक यह संख्या 11 करोड़ तक पहुंच गई। इसी तरह, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद केवल कुछ महीनों में 13.5 करोड़ पर्यटक दर्शन के लिए पहुंचे। यह धार्मिक पर्यटन से अर्थव्यवस्था को मिलने वाले प्रत्यक्ष लाभ को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री मोदी का 2047 का विजन और बजट 2025-26
डॉ. त्रिवेदी ने बजट 2025-26 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के संकल्प का प्रतिबिंब बताया। उन्होंने बताया कि इस बजट में विभिन्न क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं।
• जन-धन योजना: इस योजना के तहत 54 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं, जिनमें 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जमा की गई है।
• मुद्रा योजना और स्टार्टअप इंडिया: युवाओं और छोटे व्यवसायियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ये योजनाएं महत्वपूर्ण साबित हुई हैं।
• पूंजीगत व्यय: इस बजट में 15 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किए गए हैं, जिससे रेलवे, सड़क, हवाई अड्डे और बंदरगाहों के विकास को गति मिलेगी।
• स्वास्थ्य क्षेत्र: सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की है, जिससे चिकित्सा सुविधाएं सुदृढ़ होंगी।
• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
रक्षा क्षेत्र में बड़ा बजट आवंटन
डॉ. त्रिवेदी ने रक्षा बजट में 13-14% की वृद्धि को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी के कार्यकाल में यह कहा जाता था कि चीन की सीमा पर सड़कें नहीं बनाई जा सकतीं। लेकिन भाजपा सरकार ने इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है और अब चीन सीमा पर 40 किलोमीटर तक सड़कों का निर्माण किया गया है।
उन्होंने बताया कि भारत अब 23,000 करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादों का निर्यात कर रहा है, जिसमें फिलीपींस और इंडोनेशिया को मिसाइलों की आपूर्ति भी शामिल है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो रक्षा गलियारों का निर्माण किया गया है, जिससे रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
डिजिटल लेनदेन में भारत बना विश्व नेता
डॉ. त्रिवेदी ने डिजिटल लेनदेन को लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा उठाई गई शंकाओं का जिक्र किया और बताया कि आज भारत डिजिटल भुगतान में विश्व में शीर्ष स्थान पर है। वैश्विक स्तर पर डिजिटल लेनदेन का 48% भारत में हो रहा है, जो अमेरिका और चीन से अधिक है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने जयपुर में एक चाय विक्रेता को यूपीआई के माध्यम से भुगतान किया, जबकि जापान के प्रधानमंत्री ने दिल्ली के खान मार्केट में इसी तकनीक का उपयोग किया। फ्रांस ने हाल ही में आयोजित एआई समिट में यूपीआई को अपनाने पर सहमति जताई।
आर्थिक सुधार और कर ढांचे में बदलाव
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कर प्रणाली को सरल बनाया है। एक्साइज ड्यूटी की 15 श्रेणियों को घटाकर 7 कर दिया गया है। आयात शुल्क को तर्कसंगत बनाया गया है। आयकर अधिनियम 1961 में व्यापक बदलाव के लिए एक नया विधेयक लाया जाएगा। पूंजीगत लाभ कर को घटाकर 12.5% कर दिया गया है। 36 जीवन रक्षक दवाओं पर एक्साइज ड्यूटी समाप्त कर दी गई है, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को राहत मिलेगी।
भारत की अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व वृद्धि
उन्होंने कहा कि 1970-80 के दशक में भारत की विकास दर मात्र 2% थी, जिसे ‘हिंदू ग्रोथ रेट’ कहकर उपहास उड़ाया जाता था। 1974 में महंगाई दर 26% थी, लेकिन भाजपा सरकार के आने के बाद आर्थिक स्थिति मजबूत हुई।
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि 1992 में राम मंदिर आंदोलन के साथ ही नेहरूवादी समाजवाद का अंत हुआ। उस समय देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी, महंगाई 17% थी और सरकार को सोना गिरवी रखना पड़ा था। लेकिन जब हिंदुत्ववादी सरकार सत्ता में आई तो विकास दर बढ़ी और महंगाई नियंत्रित हुई।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नया भारत
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्वच्छता, स्वास्थ्य और जनकल्याण के क्षेत्र में असाधारण प्रगति हुई है। नया संसद भवन बना, जिसमें पहला प्रस्ताव ‘नारी वंदन अधिनियम’ पारित किया गया। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बना। कुछ ताकतें आज भी देश को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन हमें आत्मविश्वास और धैर्य के साथ आगे बढ़ना है।
संगोष्ठी की शुरुआत पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इस दौरान क्षेत्र अध्यक्ष दिलीप पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, मीडिया प्रभारी नवरतन राठी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।