नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारत-चीन सीमा विवाद और सेना को लेकर हो रही राजनीति पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय सेना को राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा हाल ही में की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए सेनाध्यक्ष ने यह बयान दिया।
भारत-चीन सीमा विवाद पर क्या बोले आर्मी चीफ?
सेना प्रमुख ने कहा कि भारत और चीन के बीच बातचीत के रास्ते को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने बताया, "हम दोनों देशों के बीच सभी संदेह दूर करना चाहते हैं ताकि कोई गलतफहमी न रहे। इसके लिए हमने कोर कमांडर्स को अधिकार दिए हैं कि वे अपने स्तर पर फैसले ले सकें और इसके लिए उन्हें किसी भी तरह की अतिरिक्त मंजूरी की जरूरत नहीं होगी।"
'पहले कहा जाता था कि दिल्ली से आदेश आएगा'
जनरल द्विवेदी ने बताया कि सीमा विवाद के दौरान पहले भारतीय सेना को चीन की ओर से कहा जाता था कि दिल्ली से आदेश आने के बाद ही कोई कार्रवाई होगी, जबकि चीन की सेना मौके पर ही फैसला ले लेती थी। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। भारतीय सेना को तुरंत फैसले लेने की स्वतंत्रता दी गई है, जिससे किसी भी स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया दी जा सके।
महिलाओं की सेना में भागीदारी पर जोर
जनरल द्विवेदी महिलाओं की सेना में भागीदारी के बड़े समर्थक रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं शक्ति का प्रतीक हैं और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और देवी काली की तरह उनमें भी अदम्य साहस है। भारतीय सेना में महिलाओं को और अधिक अवसर दिए जाने चाहिए ताकि वे राष्ट्र सेवा में अपना योगदान दे सकें।
स्वदेशी हथियार निर्माण को मिल रही बढ़ावा
सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि अब भारत में हथियार निर्माण की प्रक्रिया तेज हो गई है। उन्होंने कहा, "अब भारतीय हथियार निर्माता कंपनियों को लाइसेंस और अन्य सुविधाएं आसानी से मिल रही हैं, जिससे देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।"
"बातचीत के पक्ष में हैं, लेकिन जंग से पीछे नहीं हटेंगे"
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने स्पष्ट किया कि भारत हमेशा पहले बातचीत का रास्ता तलाशता है, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो युद्ध से भी पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हर परिस्थिति के लिए तैयार है और देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
सेना को राजनीति से दूर रखने की नसीहत
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में दावा किया था कि भारतीय सेना प्रमुख ने कहा था कि लद्दाख में चीनी सेना ने घुसपैठ की है। इसी पर जवाब देते हुए आर्मी चीफ ने कहा कि भारतीय सेना एक पेशेवर संगठन है और उसे राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए।