वाराणसी पुलिस ने समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व एमएलसी वासुदेव यादव को मंगलवार को प्रयागराज के जॉर्जटाउन इलाके से गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच चल रही थी। कई बार कोर्ट के समन भेजे जाने के बावजूद हाजिर न होने पर गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था, जिसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की।
पूर्व एमएलसी वासुदेव यादव अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं। सपा सरकार के दौरान उन्हें माध्यमिक शिक्षा निदेशक नियुक्त किया गया था। आरोप है कि इस पद पर रहते हुए उन्होंने 1.87 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की। प्रयागराज विजिलेंस विभाग ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया था और आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था।
सरकारी वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि वासुदेव यादव प्रभावशाली व्यक्ति हैं और यदि उन्हें राहत दी गई तो वे केस को प्रभावित कर सकते हैं। इस आधार पर सरकारी पक्ष ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया।
सपा सरकार में था वासुदेव यादव का दबदबा
समाजवादी पार्टी की सरकार में वासुदेव यादव का खासा प्रभाव रहा है। कहा जाता है कि वे पार्टी के शीर्ष नेताओं से सीधा संपर्क रखते थे और शासन के उच्च अधिकारियों पर भी उनका दबदबा था। इसी रसूख के चलते 5 मार्च 2012 को विधानसभा चुनाव में सपा की जीत के कुछ दिनों बाद ही 15 मार्च 2012 को अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद वासुदेव यादव को माध्यमिक शिक्षा निदेशक नियुक्त कर दिया गया था।
2014 में लगे थे घोटाले के आरोप
वासुदेव यादव के खिलाफ वर्ष 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने अपने परिवार के नाम पर करोड़ों की संपत्ति अर्जित की और शिक्षण संस्थान खोले। सिर्फ प्रयागराज के फूलपुर तहसील में दो करोड़ से अधिक की संपत्ति की बात सामने आई थी। इसके अलावा सोरांव, हडिया और सदर तहसील में भी उनकी संपत्तियों की शिकायतें की गई थीं।
कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
गिरफ्तारी के बाद वाराणसी पुलिस ने वासुदेव यादव को एमपी/एमएलए कोर्ट के जज यजुवेंद्र विक्रम सिंह के समक्ष पेश किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड में भेज दिया। अब मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी।