ममता के बंगाल में अधिकारी ही डाल रहे SIR में बाधा, शिक्षकों ने चुनाव आयोग से की शिकायत, 23 साल पहले भी हुआ था सर्वे

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पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया जारी है, लेकिन इसे लेकर राज्य सरकार और स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं। कई बूथ-लेवल ऑफिसर (बीएलओ), जो प्रायः सरकारी स्कूलों के शिक्षक होते हैं, उन्होंने चुनाव आयोग को शिकायत भेजी है कि उन्हें एसआईआर कार्य के लिए पर्याप्त समय और स्वतंत्रता नहीं दी जा रही है।

 

शिक्षकों ने अपनी शिकायत में कहा है कि स्कूल अधिकारियों द्वारा उन्हें नियमित शिक्षण कार्यों से छुट्टी नहीं दी जा रही, जबकि आयोग ने स्पष्ट निर्देश जारी किया था कि SIR के दौरान बीएलओ को उनके सामान्य दायित्वों से अलग रखा जाए, ताकि वे मतदाता सूची कार्य को बिना बाधा के पूरा कर सकें।

 

आयोग का स्पष्ट निर्देश, फिर भी अनदेखी

 

चुनाव आयोग के आदेश में उल्लेख है कि एसआईआर प्रक्रिया पूरी होने तक बीएलओ को रोजमर्रा की शिक्षण जिम्मेदारियों में न लगाया जाए। इसके बजाय उन्हें पूरी तरह से बीएलओ कार्यों में लगाया जाए ताकि मतदाता सूची में सुधार और अद्यतन तेजी से हो सके।

 

लेकिन बीएलओ-शिक्षकों का कहना है कि स्कूल प्रशासन उन्हें सुबह की पाली में क्लास लेने के लिए मजबूर करता है और फिर दोपहर में बीएलओ ड्यूटी पर भेज दिया जाता है। इससे उनके ऊपर काम का दोहरा बोझ बढ़ गया है और फील्ड कार्य तथा दस्तावेज़ीकरण दोनों प्रभावित हो रहे हैं।

 

बढ़ता दबाव और धीमी प्रक्रिया

 

शिक्षकों ने आयोग से शिकायत में कहा कि भारी काम के दबाव के चलते मतदाताओं से फॉर्म लेना, उसकी जांच करना, फॉर्म का डिजिटाइजेशन और बीएलओ ऐप के माध्यम से अपलोड करना बेहद मुश्किल हो रहा है।

 

उधर, राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि आयोग इन शिकायतों को गंभीरता से ले रहा है। जल्द ही राज्य सरकार से बात कर स्कूल प्रशासन को स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएंगे कि बीएलओ को शिक्षण दायित्वों से अलग रखा जाए।

 

बीएलओ ने यह भी बताया कि तकनीकी समस्याएं भी बड़ा अवरोध बन रही हैं। सर्वर पर अत्यधिक लोड होने से फॉर्म अपलोड करने में काफी समय लग जाता है, जिससे रोजाना 150 फॉर्म अपलोड करने का लक्ष्य हासिल करना कठिन हो जाता है। आयोग की तकनीकी टीम को इस समस्या के समाधान के लिए निर्देशित किया गया है।

 

बड़ा दायरा, सख्त समयसीमा

 

27 अक्टूबर तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में कुल मतदाताओं की संख्या 7,66,37,529 है। इतनी बड़ी संख्या के डेटा को अपडेट करने के लिए आयोग ने एन्यूमरेशन फॉर्म के डिजिटाइजेशन की अंतिम तिथि 30 नवंबर तय की थी। वहीं, संपूर्ण एसआईआर प्रक्रिया मार्च 2026 तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।

 

गौरतलब है कि राज्य में इससे पहले वर्ष 2002 में इसी तरह का SIR अभियान चलाया गया था। इस बार आयोग पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दे रहा है, लेकिन प्रशासनिक ढिलाई और तकनीकी चुनौतियाँ इस प्रक्रिया को धीमा कर रही हैं।

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