लखनऊ। समाजवादी पार्टी की युवा और चर्चित चेहरा रही मुस्कान मिश्रा एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार वजह राजनीतिक नहीं बल्कि अयोध्या में की गई मुलाकात है। अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास से मुलाकात और इंस्टाग्राम पर साझा की गई तस्वीरों के कुछ ही घंटे बाद पार्टी ने मुस्कान को उनके पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया। वह सपा महिला सभा की राष्ट्रीय सचिव थीं।
मुस्कान मिश्रा सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय हैं और उनके करीब 7 लाख फॉलोअर्स हैं। लेकिन यह लोकप्रियता अब उनके लिए मुश्किल का सबब बन गई। दरअसल, महंत राजू दास वही संत हैं जिन्होंने कुछ समय पहले मुलायम सिंह यादव को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने उन्हें ‘कठमुल्ला’ कहकर संबोधित किया था। बताया जा रहा है कि मुस्कान की इस मुलाकात से पार्टी नेतृत्व, खासकर अखिलेश यादव, काफी नाराज़ हो गए और परिणामस्वरूप तत्काल कार्रवाई की गई।

जुलाई में मिली थी अहम जिम्मेदारी, तीन महीने में ही हटा दी गईं
मुस्कान मिश्रा को जुलाई 2025 में समाजवादी महिला सभा की राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह ने की थी, और अब उन्हीं के हस्ताक्षर से मुस्कान को पद से मुक्त करने का आदेश जारी किया गया। आदेश में लिखा गया, “आपको तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय सचिव के पद से मुक्त किया जाता है। नेताजी मुलायम सिंह यादव हम सबकी प्रेरणा हैं और रहेंगे।”
हालांकि जब मामला मीडिया में चर्चा में आया, तो जूही सिंह ने सफाई दी कि “करीब 20 दिन पहले मुस्कान ने खुद अनुरोध किया था कि उनकी शादी तय हो गई है और वे पार्टी की गतिविधियों में उतनी सक्रिय नहीं रह पा रही हैं। इसलिए संगठनात्मक कारणों से उन्हें पद से मुक्त किया गया।”

13 अक्टूबर की मुलाकात से मचा बवाल
मुस्कान मिश्रा ने 13 अक्टूबर को अपने साथी सूरज पांडेय के साथ हनुमानगढ़ी जाकर महंत राजू दास से आशीर्वाद लिया और उस मुलाकात का वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दिया। कुछ ही घंटों में वीडियो वायरल हो गया और पार्टी के अंदर विरोध की आवाज़ें उठने लगीं। सपा कार्यकर्ताओं ने इसे “पार्टी विचारधारा के खिलाफ कदम” बताते हुए कार्रवाई की मांग की। खबर सीधे अखिलेश यादव तक पहुंची और उसी शाम मुस्कान को पद से हटा दिया गया।
‘मुझे साजिश का शिकार बनाया गया’ – मुस्कान की सफाई
पद से हटाए जाने के बाद मुस्कान मिश्रा ने मीडिया से कहा, “मुझे साजिश के तहत हटाया गया है। मेरे खिलाफ जल्दबाजी में फैसला लिया गया। मुझे यह नहीं बताया गया कि मेरी गलती क्या थी। बाद में लोगों से पता चला कि कारण एक फोटो और वीडियो है। मुझे यह नहीं मालूम था कि जिनके साथ मेरी तस्वीर ली जा रही है, उन्होंने कभी पार्टी या नेताजी के बारे में कुछ कहा था। अगर मुझे यह पता होता, तो मैं कभी ऐसा कदम नहीं उठाती।”
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें पद जाने का कोई अफसोस नहीं है, परंतु “मेरा पक्ष सुने बिना निर्णय लेना उचित नहीं था।” मुस्कान ने यह भी स्पष्ट किया कि वे अब भी पार्टी के साथ हैं और बिना किसी पद के भी समाजवादी विचारधारा के लिए काम करती रहेंगी।

सोशल मीडिया पर लोकप्रिय चेहरा
मुस्कान मिश्रा लखनऊ निवासी हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर उनकी ID muskan_.mishra_ के नाम से है। उनके प्रोफाइल पर लिखा है — “उड़कर गिरना, गिरकर उड़ना, सीखा है मैंने बस ठहरना नहीं।”
उनके अब तक 4600 से अधिक पोस्ट हैं और 668K फॉलोअर हैं, जबकि वे सिर्फ 103 अकाउंट को फॉलो करती हैं।
पहले भी विवादों में रहीं मुस्कान
यह पहली बार नहीं है जब मुस्कान मिश्रा का नाम विवादों में आया हो। सितंबर 2025 में उन्होंने सपा लेटरहेड पर एक खुला पत्र जारी किया था, जिसमें उन्होंने पार्टी के कुछ नेताओं पर उपेक्षा और अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया था। उन्होंने लिखा था कि मैं 22 साल की हूं, मेरी सगाई हो चुकी है और जल्द ही शादी होने वाली है। मैंने पार्टी में ईमानदारी से काम करने की कोशिश की, लेकिन मुझे अवसर नहीं दिया गया।