Bihar Assembly Election: 40 साल बाद बिहार में दो चरणों में विधानसभा चुनाव, 6 और 11 नवंबर को मतदान, 14 नवंबर को नतीजे

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बिहार में इस साल का विधानसभा चुनाव ऐतिहासिक होने जा रहा है। राज्य की 243 सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा। चुनाव आयोग ने सोमवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कार्यक्रम की घोषणा करते हुए बताया कि पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को कराया जाएगा। मतगणना 14 नवंबर को होगी। इस तरह अधिसूचना से लेकर नतीजों तक की पूरी चुनावी प्रक्रिया 40 दिनों तक चलेगी।

इस बार चुनावी कैलेंडर को लेकर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने आयोग से अपील की थी कि मतदान की तारीखें दिवाली और छठ के बाद तय की जाएं, ताकि मतदाता बिना किसी त्योहारी बाधा के मतदान कर सकें। आयोग ने इस मांग को ध्यान में रखते हुए तारीखें तय कीं। पहले चरण का मतदान छठ पूजा के आठ दिन बाद होगा।

 

पिछले तीन विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार चुनावी प्रक्रिया सबसे कम अवधि में पूरी होगी। वर्ष 2010 में यह प्रक्रिया 61 दिन, 2015 में 60 दिन और 2020 में 47 दिन चली थी। अबकी बार महज 40 दिनों में पूरा चुनाव संपन्न होगा।

दो चरणों में चुनाव: 40 साल बाद दोहराई जाएगी पुरानी परंपरा
बिहार में करीब चार दशक बाद दो चरणों में चुनाव होने जा रहे हैं। इससे पहले वर्ष 1985 में राज्य में दो चरणों में मतदान हुआ था। भाजपा और राजद ने इस बार दो चरणों में चुनाव कराने की वकालत की थी, जबकि जदयू एक ही चरण में मतदान चाहती थी। आयोग ने सुरक्षा और प्रबंधन के मद्देनजर दो चरणों में चुनाव कराने का फैसला लिया है।

 

पिछले विधानसभा चुनावों में फेज की संख्या ज्यादा रही है। वर्ष 2020 में तीन चरणों में 20 अक्टूबर से 7 नवंबर के बीच मतदान हुआ था और 10 नवंबर को नतीजे घोषित किए गए थे। वहीं 2015 में पांच चरणों में 12 अक्टूबर से 5 नवंबर तक मतदान चला और परिणाम 8 नवंबर को आए थे।

इस बार रिकॉर्ड मतदाता: 7.42 करोड़ लोग डालेंगे वोट
राज्य में इस बार कुल 7.42 करोड़ मतदाता अपने प्रतिनिधि चुनने के लिए वोट डालेंगे। इनमें 14 लाख मतदाता ऐसे हैं जो पहली बार मतदान करेंगे। चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार लगभग 14 हजार ऐसे मतदाता भी हैं जिनकी उम्र 100 साल से अधिक है।

पोलिंग बूथ तक पहुंचने में असमर्थ मतदाताओं के लिए विशेष सुविधा की व्यवस्था की गई है। वे फॉर्म 12D’ भरकर घर बैठे ही मतदान कर सकेंगे। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस बार मतदाता अपने मोबाइल फोन लेकर बूथ तक जा सकेंगे, हालांकि उसे मतदान केंद्र के भीतर उपयोग नहीं किया जा सकेगा।

 

चुनाव आयोग की तैयारी और चुनौतियां
बिहार जैसे बड़े और भौगोलिक रूप से विविध राज्य में दो चरणों में मतदान कराना चुनाव आयोग के लिए एक बड़ा प्रशासनिक प्रयोग माना जा रहा है। सुरक्षा बलों की तैनाती, नक्सल प्रभावित इलाकों की निगरानी, मतदाता जागरूकता और त्योहारों के मद्देनजर मतदान प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में आयोग ने कई नई रणनीतियां बनाई हैं।

राजनीतिक दलों ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। एनडीए, महागठबंधन और नई उभरती क्षेत्रीय पार्टियों के बीच इस बार मुकाबला दिलचस्प रहेगा। सभी दल अब अपने उम्मीदवारों की घोषणा और प्रचार रणनीति तय करने में जुट गए हैं।

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