नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र चुनावों को लेकर उठाए गए संदेहों पर चुनाव आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने राहुल गांधी से उनके द्वारा अखबार में प्रकाशित लेख के संदर्भ में स्पष्टीकरण मांगा है, लेकिन अब तक उनकी ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
राहुल गांधी ने 7 जून को "मैच फिक्सिंग महाराष्ट्र" शीर्षक से एक अंग्रेज़ी अखबार में लेख प्रकाशित किया था, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र में मतदाता सूची में असामान्य वृद्धि और बूथ स्तर पर कथित गड़बड़ियों को लेकर सवाल उठाए थे। इस लेख के बाद चुनाव आयोग ने 12 जून को पत्र जारी कर उनसे जवाब मांगा, लेकिन कांग्रेस नेता की ओर से अब तक कोई उत्तर नहीं आया है।
चुनाव आयोग की चिट्ठी में क्या कहा गया?
चुनाव आयोग के सचिव अश्विनी कुमार मोहल द्वारा भेजे गए पत्र में उल्लेख किया गया है कि नवंबर 2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस द्वारा उठाए गए मुद्दों का पहले ही विस्तार से जवाब दिया जा चुका है। आयोग ने कहा कि जवाब 24 दिसंबर को सार्वजनिक रूप से ईसीआई की वेबसाइट पर जारी किया गया था।
पत्र में आगे कहा गया है कि देश में चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से कानून, नियमों और आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत पारदर्शी ढंग से संपन्न की जाती है। मतदान से जुड़े हर स्तर पर हजारों अधिकारी व राजनीतिक दलों के एजेंट सक्रिय रहते हैं, जिससे निष्पक्षता सुनिश्चित की जाती है।
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि अगर राहुल गांधी के पास अभी भी कोई संदेह या मुद्दा है, तो वे सीधे आयोग को पत्र लिख सकते हैं या मुलाकात कर सकते हैं। आयोग उनसे मिलने के लिए सुविधाजनक तिथि व समय तय करने को तैयार है।
राहुल गांधी ने लगाए थे गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने न केवल अपने लेख में, बल्कि सोशल मीडिया पर भी वोटों की संख्या में भारी बढ़ोतरी को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठाए थे। उन्होंने दावा किया था कि कुछ क्षेत्रों में 5 महीने में 8% से लेकर 50% तक वोटर वृद्धि हुई है, जो संदेहास्पद है। उन्होंने बूथ लेवल अधिकारियों द्वारा अज्ञात मतदाताओं की उपस्थिति की बात भी उठाई थी।
राहुल ने सीधा आरोप लगाया था कि यह सिर्फ तकनीकी खामी नहीं है, बल्कि एक "सीधे-सीधे वोट चोरी" की कोशिश है। उन्होंने डिजिटल वोटर लिस्ट और सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने की मांग की थी।
फडणवीस ने राहुल को घेरा
राहुल गांधी के इन आरोपों का जवाब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी दिया है। उन्होंने राहुल पर ‘झूठ फैलाने’ का आरोप लगाते हुए कई तथ्य प्रस्तुत किए। फडणवीस ने कहा कि जिन क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई, उनमें से कई में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने चुनाव जीत भी लिया। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि:
• नागपुर पश्चिम में 7% वृद्धि के बावजूद कांग्रेस के विकास ठाकरे विजयी हुए।
• उत्तर नागपुर में 29,000 से अधिक नए मतदाता जुड़े, वहां भी कांग्रेस के नितिन राउत जीते।
• पुणे के वडगांव शेरी में 10% वृद्धि के साथ शरद पवार गुट के उम्मीदवार विजयी हुए।
• मुंब्रा में 9% वृद्धि के बावजूद जीत जितेंद्र अव्हाड़ की हुई।
फडणवीस ने तंज कसते हुए कहा, "झूठ बोले कौवा काटे", और राहुल के दावों को निराधार बताया।
चुनाव आयोग ने दी स्पष्टता
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने हाल ही में एक बयान में कहा कि भारत की चुनाव प्रणाली पारदर्शिता के सर्वोच्च मानकों का पालन करती है। उन्होंने कहा कि मतदान प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की धांधली की कोई गुंजाइश नहीं है और यदि किसी के पास साक्ष्य हैं, तो उन्हें कानूनी माध्यम से सामने लाना चाहिए।