नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया-राहुल की बढेंगी मुश्किलें, ED ने 661 करोड़ की संपत्तियां जब्त करने के लिए भेजा नोटिस

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नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी से जुड़े बहुचर्चित नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। शनिवार को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की करीब 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को जब्त करने के लिए नोटिस जारी किया है। इस मामले में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आरोपी हैं।

 


क्या है मामला?


यह केस दरअसल 2010 में शुरू हुआ था, जब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा एजेएल की संपत्तियों के अधिग्रहण को "आपराधिक हेराफेरी और धोखाधड़ी" बताते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि महज 50 लाख रुपये में यंग इंडियन ने एजेएल के 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों का नियंत्रण हासिल कर लिया, जो भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में आता है।

 


यंग इंडियन और कांग्रेस का संबंध


यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। ईडी का आरोप है कि इस कंपनी का गठन केवल इस उद्देश्य से किया गया था कि वह एजेएल की संपत्तियों पर कब्जा कर सके। एजेएल वही कंपनी है, जो कभी नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी आवाज़ जैसे अखबार प्रकाशित करती थी।


जांच एजेंसी के मुताबिक, यंग इंडियन के जरिए कांग्रेस नेताओं ने एजेएल की संपत्तियों को अवैध रूप से अपने नियंत्रण में ले लिया और उसे किराए पर देकर आय अर्जित की गई, जो मनी लॉन्ड्रिंग के तहत आता है।

 


ईडी की कार्रवाई और सियासी हलचल


ईडी द्वारा जारी किए गए नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि एजेएल की 661 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों को मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (PMLA) के तहत "कब्जे में लेने की प्रक्रिया" शुरू की गई है। इनमें दिल्ली, मुंबई, पटना, लखनऊ और चंडीगढ़ सहित कई शहरों की प्रमुख संपत्तियां शामिल हैं।

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