उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र स्थित औरंगाबाद गाँव में बने 120 साल पुराने पंच शिखर शिव मंदिर में 20 वर्षों बाद पूजा-अर्चना संपन्न हुई। कड़ी प्रशासनिक निगरानी और पुलिस सुरक्षा के बीच रविवार (16 फरवरी 2025) को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन और पूजन का आयोजन किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, और पूरे क्षेत्र में 'हर-हर महादेव' के गगनभेदी जयकारे गूँजते रहे।
20 वर्षों से बंद था मंदिर, अब भक्तों के लिए खुला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मंदिर दलित समुदाय से जुड़े जेठूराम ने 120 साल पहले बनवाया था। हालांकि, बीते दो दशकों से मंदिर पर अतिक्रमण होने के कारण यहाँ पूजा-पाठ बंद था। स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से मंदिर को मुक्त कराने की मांग की थी। उनकी अपील पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने मंदिर को दोबारा भक्तों के लिए खोल दिया।
धार्मिक आस्था की जीत, भक्तों में उत्साह
मंदिर में पूजा-अर्चना संपन्न होने के बाद श्रद्धालुओं ने इसे सनातन धर्म की विजय करार दिया। कार्यक्रम के दौरान पूरे क्षेत्र में सुरक्षा के मद्देनजर पीएसी और पुलिस बल की तैनाती की गई थी। इस दौरान सीओ मुसाफिरखाना अतुल सिंह और तहसीलदार स्वयं मौके पर मौजूद रहे।
भाजपा के जिला मंत्री अतुल सिंह ने इसे हिंदू समाज की आस्था की जीत बताया। वहीं, एक बुजुर्ग श्रद्धालु ने मंदिर में दोबारा पूजा करने पर गर्व महसूस करने की बात कही।
अन्य मंदिरों को भी मुक्त कराने की माँग
ग्रामीणों के अनुसार, यह मंदिर पहले पुजारी गणेश तिवारी और उनके परिवार के संरक्षण में था, लेकिन 20 साल पहले उन्हें मजबूरन गाँव छोड़ना पड़ा, जिसके बाद मंदिर पर कब्जा हो गया। अब प्रशासन की पहल से मंदिर पुनः खुल गया, जिससे भक्तों में हर्ष का माहौल है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अमेठी और उसके आसपास कई अन्य धार्मिक स्थल भी बंद पड़े हैं या अतिक्रमण के शिकार हैं। उन्होंने प्रशासन से माँग की है कि इन धार्मिक स्थलों को भी मुक्त कराया जाए, ताकि श्रद्धालु अपनी आस्था के अनुसार पूजा-अर्चना कर सकें।