चंदौली। पीडीडीयू नगर स्थित एक होटल में रविवार को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन (IHRA) द्वारा एक महत्वपूर्ण शपथ ग्रहण समारोह एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस समारोह में नवनियुक्त पदाधिकारियों को गोपनीयता की शपथ दिलाई गई, वहीं उत्कृष्ट कार्य करने वाले सदस्यों और अधिकारियों को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में लगभग 100 से अधिक लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज डॉ. शेखर कुमार यादव ने अपने ओजस्वी संबोधन में मानवाधिकारों की मूलभूत भावना पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय संविधान की प्रेरणा का स्रोत रामायण और महाभारत को बताया। जज यादव ने जोर देकर कहा कि कर्तव्य और अधिकार की भावना हमारे घर-परिवार से ही शुरू होती है—माता-पिता, भाई-बहन, पिता-पुत्र सबके अपने-अपने अधिकार और कर्तव्य हैं। उन्होंने समाज में संस्कारों के क्षरण पर गहरी चिंता व्यक्त की। उनका मानना था कि बच्चों को किताबी शिक्षा के साथ-साथ नैतिक संस्कार देना भी आवश्यक है, ताकि वे बुढ़ापे में माता-पिता की लाठी बन सकें। उन्होंने टीवी सीरियल के दुष्प्रभाव और महिलाओं के सम्मान पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने संस्कृत श्लोक, 'यत्र नार्यः पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता' (जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं) का उद्धरण देते हुए बेटियों और बहनों को उचित सम्मान देने का आह्वान किया।

जनहित और ईमानदारी का महत्व बता गये जिला जज
विशिष्ट अतिथि, चंदौली जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश दिवाकर प्रसाद चतुर्वेदी ने भारतीय संविधान में वर्णित मानवाधिकारों और कर्तव्यों पर अपनी बात रखी। उन्होंने एक अत्यंत महत्वपूर्ण बात कही कि यदि हर व्यक्ति अपना कार्य ईमानदारी से करे और अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों के दायरे में सजग रहे, तो किसी मानवाधिकार संगठन की आवश्यकता ही नहीं होगी। उन्होंने समाज को व्यक्तिगत हित के ऊपर सार्वजनिक हित को प्राथमिकता देने की सलाह दी और आदर्श आचरण की महत्ता पर जोर दिया। इस अवसर पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गुप्ता को मानवाधिकार का सदस्य नामित भी किया गया।

राष्ट्र निर्माण और कर्तव्यनिष्ठा के पद पर चलने का किया आह्वान
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार के डायरेक्टर अशोक पांडेय और रेलवे मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गुप्ता ने भी मानवाधिकारों के मूलभूत सिद्धांतों पर बल दिया और जरूरतमंदों की सहायता करने को ईश्वर का आशीर्वाद बताया। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश तोमर ने सभी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को राष्ट्रहित में योगदान देने और मतदान अभियान चलाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें कानून के साथ चलना होगा, सरकारों का विरोध हो सकता है, लेकिन राष्ट्र का विरोध नहीं। उन्होंने गलत के खिलाफ आवाज़ उठाने की प्रेरणा भी दी। उज्जैन के जिलाध्यक्ष रामचंद्र शर्मा ने 'हर हर महादेव' के उद्घोष के साथ अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए मानवता के लिए जीने की बात कही।
कार्यक्रम का सफल संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष बृज मणि मिश्र ने किया। इस समारोह ने उपस्थित जनसमूह को अधिकारों के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ अपने कर्तव्यों और संस्कारों के प्रति भी सजग रहने की प्रेरणा दी।