5 साल बाद भी नहीं शुरू हो सका अयोध्या में मस्जिद का निर्माण, सुप्रीम कोर्ट की कृपा से ‘खैरात’ में मिली थी जमीन, NOC भी नहीं ले पाया ट्रस्ट

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अयोध्या में मस्जिद निर्माण का रास्ता सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद साफ तो हो गया था, लेकिन पाँच साल बीत जाने के बावजूद ज़मीन पर कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है। वजह है आवश्यक अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) की कमी, जिसके चलते अयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) ने मस्जिद का लेआउट प्लान ही खारिज कर दिया।


RTI से हुआ खुलासा


‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय पत्रकार ओम प्रकाश सिंह द्वारा दायर एक RTI में सामने आया कि मस्जिद ट्रस्ट ने आवेदन शुल्क और जाँच मद में चार लाख रुपये जमा किए थे। लेकिन चूँकि लोक निर्माण विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नागरिक उड्डयन, सिंचाई एवं राजस्व विभाग, नगर निगम, जिलाधिकारी कार्यालय और अग्निशमन विभाग से NOC नहीं मिल सका, इसलिए ADA ने प्लान पास नहीं किया।

 


सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मिली थी 5 एकड़ जमीन


9 नवंबर 2019 को आए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले में राम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ किया गया और मुस्लिम पक्ष को मस्जिद निर्माण हेतु 5 एकड़ भूमि देने का निर्देश दिया गया। इसके तहत 3 अगस्त 2020 को तत्कालीन जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने अयोध्या के धन्नीपुर गाँव में पाँच एकड़ भूमि उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को हस्तांतरित की। इसके बाद 23 जून 2021 को मस्जिद निर्माण के लिए बने ट्रस्ट ने लेआउट स्वीकृति के लिए आवेदन किया था।


अग्निशमन विभाग की आपत्ति


मस्जिद ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि अग्निशमन विभाग की आपत्ति उनके सामने आई थी। विभाग की रिपोर्ट में कहा गया कि प्रस्तावित मस्जिद और अस्पताल भवन की ऊँचाई के हिसाब से अप्रोच रोड की चौड़ाई कम से कम 12 मीटर होनी चाहिए। जबकि जाँच में पाया गया कि स्थल पर दोनों मार्ग 6 मीटर से अधिक चौड़े नहीं थे और मुख्य सड़क केवल 4 मीटर चौड़ी थी। इस तकनीकी खामी को बड़ी बाधा माना जा रहा है।

 


ट्रस्ट ने जताई नाराजगी


हुसैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और राज्य सरकार दोनों ने मस्जिद निर्माण का रास्ता साफ कर दिया था, फिर भी विभागीय अनुमति क्यों नहीं मिल रही, यह समझ से बाहर है। उन्होंने माना कि अग्निशमन विभाग की आपत्तियों से वे अवगत हैं, लेकिन बाकी विभागों की स्थिति उनके लिए भी अनजानी थी। RTI से जानकारी स्पष्ट हुई है और अब आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

 


मंदिर बनाम मस्जिद परियोजना


जहाँ अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण तेजी से अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है और जल्द ही पूरा होने वाला है, वहीं मस्जिद निर्माण की परियोजना कागज़ी औपचारिकताओं और विभागीय लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। पाँच वर्ष बीतने के बाद भी काम शुरू न होना यह सवाल उठाता है कि मस्जिद परियोजना की प्राथमिकता वास्तव में कितनी है।

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