वाराणसी। मदनपुरा स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को इस मामले ने और तूल पकड़ लिया जब विभिन्न हिंदू संगठनों के सदस्य मंदिर के पास इकट्ठा हुए और विरोध स्वरूप सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई और माहौल तनावपूर्ण बना रहा।
विरोध प्रदर्शन में शामिल हनुमान सेना के अध्यक्ष सुधीर सिंह ने अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा, "जब मस्जिदों और मजारों से सुबह-सुबह लाउडस्पीकर की आवाज पर कोई सवाल नहीं उठाया जाता, तो फिर एक मंदिर में हनुमान चालीसा के पाठ से किसी को क्या परेशानी हो सकती है?" उन्होंने इसे एकतरफा कार्रवाई बताया और कहा कि वे अपनी धार्मिक परंपराओं का पालन करते रहेंगे।

कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद?
यह मामला शुक्रवार, 3 अक्टूबर का है, जब मंदिर में लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने पर आपत्ति जताई गई। मंदिर के पुजारी संजय प्रजापति द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, पूजा के दौरान पड़ोस में रहने वाले अब्दुल नासिर और उनके बेटे ने मंदिर में आकर लाउडस्पीकर की आवाज पर आपत्ति जताई। पुजारी का आरोप है कि दोनों ने न केवल गाली-गलौज की, बल्कि लाउडस्पीकर बंद न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी।

पुजारी की तहरीर और सामने आए एक सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दशाश्वमेध थाने की पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को आरोपी पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया। फुटेज में अब्दुल नासिर को मंदिर के बाहर पुजारी से गुस्से में बहस करते हुए देखा जा सकता है, जिसके बाद एक युवक उन्हें खींचकर ले जाता है।

पुलिस ने किया अफवाहों का खंडन
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी सतर्क है। डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि पुजारी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है और मामले की जांच जारी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों का भी खंडन किया। हथियार लेकर धमकाने की बात पर उन्होंने स्पष्ट किया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच में ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया है और यह केवल एक अफवाह है।
इस घटना के बाद से ही क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है। शनिवार को हिंदू संगठनों द्वारा किए गए सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ ने इसे और हवा दे दी है। प्रशासन दोनों समुदायों के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है और स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है ताकि यह विवाद कोई बड़ा सांप्रदायिक रूप न ले सके।