दालमंडी के लिए मुआवजा लेने ही नहीं आ रहे लोग, टूटेंगे 187 मकान, 88 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर मुआवजा तय, जद में आएंगे 6 मस्जिद और 2 मंदिर

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वाराणसी। काशी के हृदयस्थल दालमंडी से विश्वनाथ धाम तक नई सड़क बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इसके लिए सम्पूर्ण रोडमैप तैयार कर लिया है। करीब 600 मीटर लंबी और 17.4 मीटर चौड़ी इस सड़क के निर्माण में कुल 225 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है, जिसमें से 191 करोड़ रुपए केवल मुआवजे पर खर्च किए जाएंगे। इस परियोजना के तहत 187 मकान तोड़े जाएंगे, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से अब तक अधिकतर भवन स्वामी मुआवजा लेने के लिए सामने नहीं आए हैं।

 

44000 का सर्किल रेट, मुआवजा तय हुआ 88000 रुपए प्रति वर्ग मीटर

 

प्रशासन ने परियोजना के लिए 44 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर का सर्किल रेट तय करते हुए इसका दोगुना यानी 88 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके बावजूद दालमंडी के निवासी अब तक अपने दस्तावेज लेकर पीडब्ल्यूडी कैंप कार्यालय नहीं पहुंचे हैं। केवल कुछ लोगों ने ही प्रारंभिक रुचि दिखाई है। जबकि विभाग ने 17 अक्टूबर तक दस्तावेज जमा करने की अंतिम तिथि तय की है।

 

पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता के.के. सिंह ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया आपसी सहमति के आधार पर चल रही है और 2015 के शासनादेश के अनुरूप मुआवजा दिया जाएगा। शासनादेश के मुताबिक, किसी भी परियोजना के अधिग्रहण से छह महीने पहले निर्धारित सर्किल रेट या बाजार दर, जो अधिक हो, उसी का शहरी क्षेत्रों में दोगुना और ग्रामीण क्षेत्रों में चार गुना मुआवजा तय किया जाता है।

 

दो समितियां देखेंगी मुआवजे की प्रक्रिया

 

प्रशासन ने मुआवजा निर्धारण के लिए दो स्तरों पर समितियां गठित की हैं। 10 करोड़ तक की संपत्तियों का मामला एडीएम (वित्त एवं राजस्व) की अध्यक्षता वाली समिति देखेगी, जबकि इससे अधिक मूल्य वाली संपत्तियों का फैसला जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति करेगी। दस्तावेज़ों की जांच के लिए सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में अलग समिति गठित की गई है।

 

लोगों की बेरुखी पर विभाग चिंतित

 

अधिशासी अभियंता के अनुसार, नोटिस जारी हुए चार दिन से अधिक हो चुके हैं, लेकिन अब तक 10 लोग भी दस्तावेज़ लेकर नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि विभाग आपसी सहमति से निपटारा चाहता है, लेकिन यदि लोग स्वयं नहीं आते तो भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

 

धार्मिक स्थलों और शत्रु संपत्तियों की पहचान

 

अब तक की जांच में प्रशासन ने 6 मस्जिद-मजार, 2 मंदिर ट्रस्ट की संपत्तियां और दो शत्रु संपत्तियां चिन्हित की हैं। इन संपत्तियों पर भी अधिग्रहण प्रक्रिया लागू की जाएगी। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि धार्मिक या शत्रु संपत्तियों के मामलों में भी नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। विश्वनाथ धाम कॉरिडोर की तरह बड़े पैमाने पर अधिग्रहण इससे पहले श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर निर्माण के लिए 314 संपत्तियों का अधिग्रहण किया गया था, जिस पर 390 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। उस समय मुआवजा 25 हजार से 45 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर के बीच तय किया गया था। दालमंडी प्रोजेक्ट में यह दर दोगुनी कर दी गई है।

 

दालमंडी की सड़क बनेगी मॉडल रोड

 

नई सड़क को चौक थाना से विश्वनाथ धाम तक जोड़ा जाएगा। इसका लेआउट पहले ही जारी किया जा चुका है। डिजाइन के अनुसार, मुख्य सड़क 10 मीटर चौड़ी होगी और दोनों ओर 3.2 मीटर के फुटपाथ बनाए जाएंगे। फुटपाथों के नीचे सीवेज, गैस पाइपलाइन, टेलीकॉम और बिजली की अंडरग्राउंड डक्टिंग की जाएगी। सड़क के दोनों किनारों पर काशी की संस्कृति और आध्यात्मिकता से जुड़े प्रतीकात्मक डिज़ाइन बनाए जाएंगे, जिससे यह मार्ग पूर्वांचल की सबसे आकर्षक और सुव्यवस्थित सड़क बनेगा।

 

प्रशासन का कहना है कि यदि सब कुछ तय समय पर चला तो आठ महीनों में दालमंडी से विश्वनाथ धाम तक का यह नया मार्ग तैयार हो जाएगा, जो न सिर्फ ट्रैफिक की समस्या कम करेगा बल्कि काशी की ऐतिहासिक गलियों में आधुनिक विकास का प्रतीक भी बनेगा।

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