जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंगलवार देर रात एक भयावह हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया। रात करीब 10 बजे दूदू क्षेत्र के मोखमपुरा के पास एक रासायनिक पदार्थ से भरे टैंकर ने सड़क किनारे खड़े एलपीजी सिलेंडर लदे ट्रक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि टैंकर का केबिन चंद सेकंड में आग की लपटों में घिर गया और देखते ही देखते ट्रक के सिलेंडर भी एक-एक कर फटने लगे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के बाद ऐसा दृश्य था मानो किसी फैक्ट्री में लगातार बम विस्फोट हो रहे हों। करीब दो घंटे तक 200 से अधिक सिलेंडर फटते रहे। धमाकों की गूंज 10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी, जबकि कुछ सिलेंडर विस्फोट की ताकत से 500 मीटर दूर खेतों तक जा गिरे। जानकारी के मुताबिक, ट्रक में लगभग 330 एलपीजी सिलेंडर लदे हुए थे। टैंकर में मौजूद केमिकल अत्यधिक ज्वलनशील था, जिससे आग तेजी से फैल गई।

हादसे में टैंकर चालक रामराज मीणा (35) की मौके पर ही जलकर मौत हो गई। आग की लपटें इतनी तीव्र थीं कि पास खड़े पांच अन्य वाहन भी जलकर खाक हो गए। दमकल विभाग की 12 गाड़ियां मौके पर पहुंची और तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। तब तक हाईवे के दोनों ओर लंबा जाम लग गया था। सुरक्षा के मद्देनज़र यातायात पूरी तरह रोक दिया गया और बुधवार तड़के लगभग 4:30 बजे सड़क को दोबारा खोला जा सका।

घटना के चश्मदीद ने बताया कि हादसे से कुछ सेकंड पहले आरटीओ की गाड़ी पास से गुजरी थी। उसे देखकर टैंकर चालक ने गाड़ी को अचानक ढाबे की तरफ मोड़ने की कोशिश की, लेकिन संतुलन बिगड़ गया और वह सीधे सिलेंडर ट्रक से जा भिड़ा। मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन ने राहत-बचाव कार्य शुरू किया।

आग बुझाने के बाद सड़क पर बिखरे सिलेंडर और टैंकर के मलबे को हटाने में घंटों लग गए। इस हादसे ने न सिर्फ स्थानीय लोगों को दहला दिया, बल्कि सड़क सुरक्षा और रासायनिक वाहनों की निगरानी पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।