दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट की जांच में गुरुवार को बड़ा खुलासा हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों को अब पता चला है कि धमाका सिर्फ दो नहीं, बल्कि चार कारों में करने की साजिश रची गई थी। जांच के दौरान मिले सबूत बताते हैं कि संदिग्ध हमलावर दो और पुरानी गाड़ियां तैयार कर रहे थे, जिनमें विस्फोटक भरकर देश की राजधानी में और बड़े स्तर पर तबाही मचाने का इरादा था।
यह चौंकाने वाली जानकारी जांच टीम को आरोपियों की तीन डायरियों से मिली, जो फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में डॉ. उमर नबी और डॉ. मुजम्मिल गनी के कमरों से बरामद हुईं। इनमें 8 से 12 नवंबर के बीच की तारीखें और करीब 25 लोगों के नाम दर्ज थे, जिनमें से अधिकांश जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद से जुड़े हुए हैं। पुलिस ने मुजम्मिल के किराए के मकान से भी एक डायरी जब्त की है, जो ब्लास्ट की योजना की गहराई का संकेत देती है।
DNA से खुली सच्चाई
ब्लास्ट में मारे गए संदिग्ध की पहचान की पुष्टि भी DNA रिपोर्ट से हो गई है। कार से मिले दांत, हड्डियां, खून के धब्बे और पैर का हिस्सा डॉ. उमर नबी के DNA से मेल खा गए। ये अवशेष कार के स्टीयरिंग और एक्सीलेटर के बीच फंसे मिले थे। इससे साफ हो गया कि धमाके के वक्त कार खुद उमर ही चला रहा था। इस विस्फोट में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि गुरुवार सुबह एक और घायल की जान चली गई।
सरकार ने माना आतंकी हमला
केंद्र सरकार ने इस हमले को आधिकारिक रूप से आतंकी हमला (टेरर अटैक) करार दिया है। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस पर प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद जांच एजेंसियों को अंतरराज्यीय नेटवर्क खंगालने के आदेश मिले।
हरियाणा में मिली संदिग्ध गाड़ी
दिल्ली पुलिस की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई थी कि हमलावरों के पास एक नहीं, दो कारें थीं। इसी सुराग के आधार पर दिल्ली, यूपी और हरियाणा में हाई अलर्ट जारी किया गया था। खोजबीन के दौरान हरियाणा के खंदावली गांव में एक लावारिस गाड़ी मिली, जिसके बारे में पता चला कि वह उमर के ड्राइवर की बहन के घर के पास खड़ी थी। मौके पर NSG की बॉम्ब स्क्वाड टीम पहुंची है और गाड़ी की जांच की जा रही है।
तीन बड़े खुलासे
1. जनवरी से साजिश जारी थी:
जांच में पता चला कि धमाके की तैयारी जनवरी से ही चल रही थी। मोबाइल डंप डेटा से स्पष्ट हुआ कि डॉ. मुजम्मिल गनी और उमर नबी ने जनवरी में कई बार लाल किले की रेकी की थी। दोनों ने सुरक्षा व्यवस्था और भीड़भाड़ के पैटर्न को समझा था। जांच एजेंसियों को शक है कि पहले 26 जनवरी को हमला करने की योजना थी, जो उस समय नाकाम रही।
2. 6 दिसंबर को दूसरा हमला प्लान था:
पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि अगला बड़ा धमाका 6 दिसंबर को दिल्ली में होना था। लेकिन मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद पूरी योजना ध्वस्त हो गई। फरीदाबाद में सक्रिय इस नेटवर्क में कुल आठ संदिग्ध हैं, जिनमें छह डॉक्टर शामिल हैं। श्रीनगर का एक अन्य आरोपी डॉ. निसार फरार है, जो डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर का अध्यक्ष था और अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहा था। जम्मू-कश्मीर सरकार ने उसकी सेवा समाप्त कर दी है।
3. खाद की बोरियों में छिपा था विस्फोटक:
फरीदाबाद में किराए के मकान में डॉ. मुजम्मिल ने विस्फोटक सामग्री जमा की थी। पड़ोसियों के पूछने पर उसने झूठ कहा था कि ये खाद की बोरियां हैं, जिन्हें कश्मीर भेजना है। बाद में जांच में यही बोरियां विस्फोटक पाई गईं। पुलिस ने मकान के पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी जब्त की है, जिसमें संदिग्धों की आवाजाही दर्ज है।