जयपुर में डंपर ने 26 लोगों को कुचला: 400 मीटर में 17 गाड़ियां रौंदी, 14 की मौत; ड्राइवर पर गैर इरादतन हत्या का केस, तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड

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जयपुर के हरमाड़ा क्षेत्र में रविवार को हुए भीषण सड़क हादसे ने पूरे शहर को दहला दिया। एक बेकाबू डंपर ने महज 400 मीटर की दूरी में 17 गाड़ियों को कुचल दिया, जिससे मौके पर ही चीख-पुकार मच गई। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 12 गंभीर रूप से घायल हैं। इनमें से सात घायलों की हालत नाजुक बताई जा रही है और उन्हें जयपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसे के बाद सड़क पर भयावह दृश्य थाचारों ओर शवों के टुकड़े बिखरे पड़े थे। किसी का पैर कट गया था, तो किसी का हाथ। हादसे में दो शवों की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। मरने वालों में स्थानीय व्यापारी, मजदूर और राहगीर शामिल हैं।

पुलिस ने बताया कि हादसे के पीछे शराब के नशे में डंपर चलाने वाला ड्राइवर कल्याण मीणा जिम्मेदार है। वह जयपुर के विराटनगर इलाके का रहने वाला है और फिलहाल उसे भी चोट लगने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दुर्घटना सोमवार दोपहर करीब एक बजे हरमाड़ा के लोहा मंडी क्षेत्र में हुई, जब डंपर (नंबर आरजे 14 जीपी 8724) पेट्रोल पंप से निकलकर रोड नंबर 14 से हाईवे की ओर जा रहा था।

स्थानीय लोगों ने बताया कि ड्राइवर पहले से ही आक्रोशित था। हादसे से लगभग डेढ़ किलोमीटर पहले एक पेट्रोल पंप के पास उसकी एक कार सवार से कहासुनी हुई थी। इसके बाद उसने जानबूझकर कार को पीछे से धक्का देना शुरू कर दिया। इसके कुछ ही मिनट बाद उसने सड़क पर मौजूद वाहनों को रौंदना शुरू कर दिया। पीछे से गुजर रहे लोगों ने जब देखा कि वह लगातार टक्कर पर टक्कर मार रहा है, तो उन्होंने किसी तरह उसे रोककर पुलिस के हवाले कर दिया।

डंपर के पीछे लिखा था—“दम है तो पास कर, वरना बर्दाश्त कर।यह वाक्य अब हादसे का प्रतीक बन गया है।

घटना की गंभीरता को देखते हुए सोमवार देर रात डीसीपी ट्रैफिक सुमित मेहरड़ा ने ट्रैफिक पुलिस के सीआई राजकिरण, एएसआई राजपाल सिंह और कांस्टेबल महेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। आरोप है कि डंपर नो-एंट्री क्षेत्र में घुसा था, जिसकी अनुमति नहीं होनी चाहिए थी। हालांकि, बाद में पुलिस ने उस स्थान पर नो-एंट्री लागू होने से इनकार किया।

उधर, पीड़ित परिवारों ने एंबुलेंस चालकों पर मनमाने किराए वसूलने का आरोप लगाया है। निवाई तक शव ले जाने के लिए मृतक परिजनों को 2200 रुपये तक देने पड़े। मृतक सुरेश और मुरली मीणा के परिजनों ने बताया कि सरकार की ओर से किसी तरह की निःशुल्क सुविधा नहीं मिली।

जिला कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि यदि किसी एंबुलेंस चालक ने किराया वसूला है, तो वह राशि परिजनों को लौटाई जाएगी और दोषी कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी इस घटना को लेकर अधिकारियों से जवाब तलब किया है। जयपुर पुलिस कमिश्नर सचिन मित्तल ने मंगलवार दोपहर एक आपात बैठक बुलाई, जिसमें नो-एंट्री जोन, ट्रैफिक नियंत्रण और शहर की बढ़ती आबादी के मद्देनजर सुरक्षा उपायों पर चर्चा की जा रही है।

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