बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में सोमवार देर रात हुए भीषण सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। देवा थाना क्षेत्र के कुतलूपुर गांव के पास बिठूर से गंगा स्नान कर लौट रही एक अर्टिगा कार और ट्रक की आमने-सामने टक्कर हो गई। हादसा इतना भयानक था कि कार पूरी तरह पिचक गई और उसमें सवार आठ लोगों की मौत हो गई। मृतकों में ज्वेलर प्रदीप रस्तोगी, उनकी पत्नी, दोनों बेटे, ड्राइवर और पड़ोसी शामिल हैं।
चंद सेकेंड में उजड़ गया पूरा परिवार
जानकारी के अनुसार, फतेहपुर कस्बे के मुंशीगंज मोहल्ला निवासी प्रदीप रस्तोगी (60) अपने परिवार के साथ गंगा स्नान के लिए पड़ोसी बालाजी मिश्रा (55) के साथ बिठूर गए थे। सोमवार देर रात जब सभी लौट रहे थे, तभी देवा क्षेत्र में तेज रफ्तार ट्रक से आमने-सामने टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि 14 फीट लंबी अर्टिगा कार सिमटकर मात्र 7 फीट की रह गई।
एयरबैग तक खुलने का मौका नहीं मिला। कार के आगे बैठे लोगों के शव सीटों में फंस गए। पुलिस को अगले हिस्से को गैस कटर से काटकर शवों को निकालना पड़ा। हादसे में प्रदीप रस्तोगी, उनकी पत्नी माधुरी (55), बेटे नितिन (35) और नैमिष (15), ड्राइवर श्रीकांत शुक्ला (50) और पड़ोसी बालाजी मिश्रा (55) की मौके पर ही मौत हो गई।
लखनऊ में दम तोड़ दिए दो घायल
कार में बैठे दो अन्य लोग इंद्र कुमार (50) और विष्णु (15) गंभीर रूप से घायल हो गए थे। दोनों को पहले जिला अस्पताल और फिर लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया, जहां मंगलवार सुबह इलाज के दौरान उन्होंने भी दम तोड़ दिया।
हादसे के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों में कोहराम मच गया। प्रदीप रस्तोगी के घर में अब कोई सदस्य जीवित नहीं बचा है। मोहल्ले में सन्नाटा पसरा है और पूरे कस्बे में शोक की लहर दौड़ गई है।
चश्मदीद बोले— धमाके जैसी आवाज आई
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के वक्त ट्रक की रफ्तार बहुत तेज थी। अर्टिगा चालक गाड़ी संभाल नहीं सका और सीधा ट्रक से जा भिड़ा। टक्कर इतनी जोरदार थी कि आवाज बम धमाके जैसी लगी। लोग घरों से बाहर निकल आए। कार के मलबे में शवों को फंसा देखकर लोगों की आंखें नम हो गईं।
करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद स्थानीय लोगों और पुलिस ने शवों को कार से बाहर निकाला। हादसे के बाद सड़क पर लंबा जाम लग गया। पुलिस ने जेसीबी मशीन से कार और ट्रक को हटवाकर यातायात चालू कराया।
दुखों का पहाड़ – पहले बेटी, अब पूरा परिवार खत्म
परिवार पर यह दूसरी बड़ी त्रासदी है। बताया जा रहा है कि प्रदीप रस्तोगी की बड़ी बेटी की मौत पांच साल पहले हो चुकी थी। अब इस दुर्घटना में प्रदीप, उनकी पत्नी और दोनों बेटे भी नहीं रहे। प्रदीप तीन भाइयों में सबसे बड़े थे, लेकिन उनके छोटे भाइयों अनिल रस्तोगी और संजीव रस्तोगी से संबंध अच्छे नहीं थे। हादसे की खबर मिलते ही दोनों भाई भी अस्पताल पहुंचे, जहां परिवार की अस्थियां पहचानना मुश्किल हो गया था।
पूरा कस्बा शोक में डूबा
फतेहपुर कस्बे के लोग प्रदीप रस्तोगी को एक ईमानदार और मिलनसार ज्वेलर के रूप में जानते थे। उनकी दुकान ‘गौरी ज्वेलर्स’ कस्बे में लंबे समय से जानी-पहचानी थी। हादसे की खबर फैलते ही व्यापारी समाज और स्थानीय लोगों ने बाजार बंद रखकर श्रद्धांजलि दी।
पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल का निरीक्षण कर जांच के आदेश दिए हैं। प्रारंभिक जांच में माना जा रहा है कि हादसा ओवरस्पीडिंग और सड़क पर कम दृश्यता के कारण हुआ। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।