सरदार पटेल की जयंती पर बोले पीएम मोदी – “नेहरू ने रोका था कश्मीर का पूर्ण विलय, कांग्रेस की गलती से दशकों तक जलता रहा देश”

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एकता नगर (गुजरात)। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को गुजरात के नर्मदा जिले स्थित एकता नगर पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित की और राष्ट्रीय एकता दिवस परेड का निरीक्षण किया। एकता नगर के वातावरण में राष्ट्रभक्ति और एकता की भावना स्पष्ट झलक रही थी।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश को संबोधित करते हुए कहा कि सरदार पटेल पूरे जम्मू-कश्मीर को भारत में पूर्ण रूप से विलय करना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की नीतियों ने इस ऐतिहासिक कदम को अधूरा छोड़ दिया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस की गलती की आग में कश्मीर दशकों तक जलता रहा। अगर पटेल का मार्ग अपनाया गया होता तो आज कश्मीर की कहानी कुछ और होती।

कांग्रेस ने ब्रिटिश सोच को आगे बढ़ाया

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि उसे केवल सत्ता नहीं बल्कि अंग्रेजों की गुलाम मानसिकता भी विरासत में मिली। उन्होंने कहा, “जब 1905 में अंग्रेजों ने बंगाल का विभाजन किया, तब वंदे मातरम् ने एकता की भावना जगाई। अंग्रेजों ने इस गीत को दबाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। मगर जो काम वे नहीं कर पाए, वह कांग्रेस ने कर दिखाया। उन्होंने धार्मिक आधार पर वंदे मातरम्के हिस्से को हटा दिया, जिससे समाज में विभाजन की रेखा खिंच गई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की नीतियों ने देश को बांटने का काम किया और ब्रिटिश एजेंडे को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि आज देश को ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए जो राष्ट्रहित से ऊपर अपने राजनीतिक स्वार्थ को रखते हैं।

घुसपैठियों से देश की एकता पर संकट

मोदी ने अपने भाषण में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को भी मजबूती से उठाया। उन्होंने कहा, “आज हमारी एकता और आंतरिक सुरक्षा घुसपैठियों की वजह से गंभीर खतरे में है। दशकों से विदेशी घुसपैठिए देश की सीमाएं लांघकर संसाधनों का दोहन कर रहे हैं और जनसांख्यिकीय संतुलन को बिगाड़ रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने इस गंभीर समस्या पर आंखें मूंद लीं और वोट बैंक की राजनीति के लिए राष्ट्र की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार देश ने इस चुनौती का डटकर सामना करने का साहस दिखाया है।

उन्होंने याद दिलाया कि उन्होंने लाल किले से जनसांख्यिकी मिशनकी घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य देश की सामाजिक और भौगोलिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है। मोदी ने कहा, “दुर्भाग्य है कि कुछ लोग अब भी घुसपैठियों के अधिकारों की रक्षा करने की राजनीति कर रहे हैं। यह राष्ट्रहित के खिलाफ है और हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।

कश्मीर की त्रासदी कांग्रेस की नीतियों का परिणाम

मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने कभी सरदार पटेल की नीतियों का सम्मान नहीं किया, और इसी कारण देश को हिंसा और आतंकवाद की कीमत चुकानी पड़ी। उन्होंने कहा, “नेहरू की गलत नीति के कारण कश्मीर को अलग संविधान और झंडे के साथ बांट दिया गया। परिणामस्वरूप, पाकिस्तान ने उसका एक हिस्सा हड़प लिया और वहां आतंकवाद की जड़ें जम गईं। कांग्रेस की कमजोर नीतियों के कारण देश वर्षों तक आतंक की आग में झुलसता रहा।

प्रधानमंत्री ने दो टूक कहा कि कांग्रेस आतंकवाद के सामने हमेशा झुकती रही, जबकि सरदार पटेल की नीति दृढ़ता और निर्णय की थी। कांग्रेस ने सरदार को भुला दिया, लेकिन हमने उनके आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाया है,” मोदी ने कहा।

पटेल इतिहास रचने वाले व्यक्ति थे

प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल को नमन करते हुए कहा कि वे इतिहास लिखने में नहीं, उसे रचने में विश्वास करते थे। उन्होंने कहा, “आजादी के बाद 550 से ज्यादा रियासतों को एक सूत्र में बांधना असंभव लग रहा था, लेकिन पटेल ने दृढ़ इच्छाशक्ति से यह कर दिखाया। उनके एक भारत, श्रेष्ठ भारतके विचार ने हमें नई दिशा दी।

उन्होंने कहा कि आज एकता नगर में करोड़ों लोगों ने एक साथ राष्ट्रीय एकता की शपथली है, जो सरदार पटेल की विचारधारा को आगे बढ़ाने का प्रतीक है। मोदी ने आह्वान किया कि हर नागरिक को उन सभी विचारों से दूर रहना चाहिए जो देश की एकता को कमजोर करते हैं।

भारत पर्व में झलकेगी विविधता में एकता

प्रधानमंत्री ने बताया कि एकता नगर में 1 से 15 नवंबर तक भारत पर्व 2025 का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान देश की सांस्कृतिक विरासत और एकता की भावना को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रम होंगे। डैम व्यू पॉइंट पर प्रतिदिन दो राज्यों के कलाकार अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे, जिससे एक भारत, श्रेष्ठ भारतका संदेश हर शाम गूंजेगा।

नक्सलवाद और आतंकवाद से मुक्ति का संकल्प

भाषण के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सरदार पटेल का भारत है, जो कभी हार नहीं मानता। उन्होंने कहा, “2014 से पहले देश के करीब सवा सौ जिले नक्सलवाद से प्रभावित थे। आज यह संख्या घटकर केवल 11 रह गई है, जिनमें भी सिर्फ तीन जिलों में गतिविधियां गंभीर हैं। हमने वैचारिक लड़ाई भी जीती और नक्सलियों के घर तक जाकर मुकाबला किया।

उन्होंने दृढ़ स्वर में कहा, “जब तक भारत पूरी तरह नक्सलवाद, माओवाद और आतंकवाद से मुक्त नहीं हो जाता, हम चैन से नहीं बैठेंगे। सरदार पटेल का सपना एक अखंड, शक्तिशाली और आत्मनिर्भर भारत था, और हम उस दिशा में अडिग होकर आगे बढ़ रहे हैं।

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