20 साल की लड़की से बलात्कार, सिखों की पगड़ी उतारकर पीटा, UK में नस्लीय हमले जारी, पुलिस ने बढ़ाई गश्त, संसद तक पहुंची गूंज 

https://admin.thefrontfaceindia.in/uploads/1065532297_uk-sikh-girl-rape-and-turban-attack.jpg

ब्रिटेन के ओल्डबरी शहर में भारतीय मूल की बीस वर्षीय सिख युवती पर हुए बर्बर हमले ने प्रवासी और अल्पसंख्यक समुदाय में गहरी चिंता पैदा कर दी है। पीड़िता के साथ न केवल बलात्कार किया गया, बल्कि उसे अपमानित करते हुए हमलावरों ने नस्लवादी टिप्पणियाँ कीं और कहा – “अपने देश वापस जाओ।”


यह सनसनीखेज घटना 9 सितंबर 2025, मंगलवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे टेम रोड के पास हुई। पुलिस ने मामले को ‘नस्लीय रूप से प्रेरित अपराध’ की श्रेणी में रखते हुए जाँच तेज कर दी है।

 


पश्चिम मिडलैंड्स पुलिस के अनुसार पीड़िता ने बताया कि दोनों आरोपित श्वेत पुरुष थे। एक हमलावर का सिर पूरी तरह मुंडा हुआ था और उसने काली स्वेटशर्ट पहन रखी थी, जबकि दूसरा ग्रे टी-शर्ट में था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और फोरेंसिक साक्ष्यों की जाँच शुरू कर दी है। साथ ही, आम नागरिकों से अपील की गई है कि संदिग्धों की पहचान करने में सहयोग करें।


इस घटना से ओल्डबरी और आसपास के क्षेत्रों का सिख समुदाय गुस्से और भय से भर गया है। स्थानीय नेताओं ने इसे सोची-समझी साजिश करार दिया है। पुलिस अधिकारियों ने स्वीकार किया कि लोगों का गुस्सा स्वाभाविक है और आश्वासन दिया कि इलाके में गश्त बढ़ाई जा रही है ताकि सुरक्षा की भावना मजबूत की जा सके।


ब्रिटिश संसद में गूँजी आवाज


मामला इतना गंभीर है कि इसकी चर्चा ब्रिटिश संसद तक पहुँच गई। बर्मिंघम एजबेस्टन की सांसद प्रीत कौर गिल ने कहा कि हाल के दिनों में खुले तौर पर नस्लवाद की घटनाएँ बढ़ी हैं, जो बेहद खतरनाक संकेत है। उन्होंने साफ कहा, “यह युवती यहीं की नागरिक है और समाज के हर व्यक्ति को सुरक्षित व सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार है।”


इसी तरह, इलफोर्ड साउथ के सांसद जस अठवाल ने इस हमले को “घृणित, नस्लवादी और स्त्री-विरोधी” बताते हुए कठोर कार्रवाई की माँग की।

 

लगातार बढ़ते हमलों से चिंता

 

विशेषज्ञों के अनुसार यह घटना कोई अलग मामला नहीं है। महज एक महीने पहले वॉल्वरहैम्प्टन रेलवे स्टेशन के बाहर दो बुजुर्ग सिख पुरुषों को तीन किशोरों ने बुरी तरह पीटा था। उस हमले में उनकी पगड़ियाँ भी उतर गई थीं। लगातार घट रही ऐसी घटनाएँ न केवल पीड़ितों के लिए, बल्कि पूरे प्रवासी और अल्पसंख्यक समुदाय के लिए भय का माहौल बना रही हैं।

इसे भी पढ़ें

Latest News