‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सराहना और सेना के शौर्य को लेकर जहां पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है, वहीं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव के एक विवादित बयान ने सियासी हलचल मचा दी है। मुरादाबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह को लेकर अपमानजनक और जातिसूचक टिप्पणी की, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
रामगोपाल ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह की जाति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वे हरियाणा की जाटव हैं, लेकिन बीजेपी ने उन्हें राजपूत समझकर निशाना नहीं बनाया, जबकि मुसलमान होने के कारण कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ भाजपा नेताओं ने आपत्तिजनक बातें कही थीं। उन्होंने कहा, "एक मुसलमान, एक जाटव और एक यादव... ऑपरेशन सिंदूर का पूरा नेतृत्व PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वर्ग के हाथ में था। फिर बीजेपी किस अधिकार से इसका श्रेय ले रही है?"
रामगोपाल यादव ने भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को PDA वर्ग से जोड़ा और दावा किया कि यह युद्ध इस वर्ग ने लड़ा, जबकि बीजेपी केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए तिरंगा यात्रा निकाल रही है।
सेना की भूमिका पर भी उठाए सवाल
रामगोपाल यादव ने आरोप लगाया कि सरकार सेना के शौर्य को हथियाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, "जब कभी भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ, राजनीतिक नेतृत्व ने सेना का श्रेय नहीं लिया। लेकिन आज के नेतृत्व को श्रेय लेने की इतनी जल्दी है कि वो तिरंगा यात्रा के जरिए इसे भुना रही है।" उन्होंने पूछा कि क्या बीजेपी नेता या उनके बच्चे युद्ध में शामिल थे?
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अगर सभी दलों को विश्वास में लेकर तिरंगा यात्रा निकाली जाती तो उसकी विश्वसनीयता और प्रभाव अधिक होता। साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर भाजपा के मंत्री द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ हाईकोर्ट को FIR दर्ज करने का आदेश देना पड़ा।
योगी आदित्यनाथ का पलटवार
रामगोपाल यादव के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सेना की वर्दी को जातिवादी चश्मे से नहीं देखा जा सकता। सेना का हर जवान राष्ट्रधर्म निभाता है, न कि किसी जाति या मजहब का प्रतिनिधि होता है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के महासचिव की यह टिप्पणी भारतीय सेना के सम्मान का अपमान है और यह संकुचित मानसिकता को दर्शाती है।
योगी ने कहा, "एक वीरांगना बेटी को जाति की सीमा में बांधना न सिर्फ सेना का अपमान है, बल्कि देश की अस्मिता पर भी आघात है। तुष्टिकरण की राजनीति अब राष्ट्रभक्ति को भी बांटने लगी है। देश की जनता इस मानसिकता का जवाब जरूर देगी।"