Inspector Avinash Mishra: वेब सीरीज का दौर है। कोरोना महामारी के बाद से लोग थिएटर छोड़ OTT का रुख कर चुके हैं। अब 40% फ़िल्में OTT पर रिलीज़ हो रही है। इनके अलावा वेब सीरीज के क्या कहने ! हर एक थीम पर बनाए जा रहे हैं, जिसे दर्शकों का प्यार भी बखूबी मिल रहा है।
इन सब के बीच एक वेब सीरीज आजकल चर्चा में है, जिसने उत्तर प्रदेश के माफियाओं का पूरा इतिहास खंगाल कर रख दिया है। इंस्पेक्टर अविनाश आजकल काफी चर्चा में है। उत्तर प्रदेश के माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला (ShriPrakash Shukla) से लेकर मुन्ना बजरंगी तक की सल्तनत मिट्टी में मिलाने में इनका बड़ा हाथ है। इस वेब सीरीज में इंस्पेक्टर अविनाश का रोल एक्टर रणदीप हुडा ने निभाया है। जिसमें वे कई कुख्यात बदमाशों से लोहा लेते दिखाई दे रहे हैं।
इस वेब सीरीज के बाद इस बात की भी चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर ये अविनाश मिश्रा (Inspector Avinash Mishra) कौन हैं? वे उत्तर प्रदेश पुलिस में कब शामिल हुए? पश्चिमी यूपी के दुर्दांत माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला (ShriPrakash Shukla) का गढ़ ढहाने में इनकी क्या भूमिका थी? उन्हें किस एनकाउंटर के लिए सम्मानित किया गया? आइए जानते हैं रियल लाइफ अविनाश मिश्रा (Inspector Avinash Mishra) के बारे में –
अविनाश मिश्रा (Inspector Avinash Mishra) का जन्म उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में हुआ था। उन्होंने अपना ग्रेजुएशन फिजिकल एजुकेशन से पूरा किया। इसके बाद वे वर्ष 1982 में वे बतौर सब-इंस्पेक्टर यूपी पुलिस में शामिल हुए थे। उनकी पहली पोस्टिंग यूपी के मेरठ में हुई थी। वे STF के फाउंडर मेम्बर भी रहे हैं। माफियाओं का अंत करते हुए उन्होंने ATS ज्वाइन किया और वर्ष 2019 में डिप्टी एसपी के रैंक से रिटायर हुए।
Inspector Avinash Mishra: पूरे कैरियर में 150 से ज्यादा अपराधियों का एनकाउंटर
अविनाश मिश्रा (Inspector Avinash Mishra) की छवि हमेशा से एक निडर पुलिस वाले की रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने अपनी तैनाती के पहले ही साल 3 एनकाउंटर कर दिए थे। जिसके बाद पुलिस महकमे में उनकी चर्चा शुरू हो गई। बताया जाता है कि अविनाश मिश्रा (Inspector Avinash Mishra) ने अपने पूरे कैरियर में 150 से ज्यादा एनकाउंटर किए। इसके लिए उन्हें समय-समय पर सम्मानित भी किया गया।
अविनाश मिश्रा (Inspector Avinash Mishra) ने श्रीप्रकाश शुक्ला (ShriPrakash Shukla) जैसे बड़े माफिया का भी एनकाउंटर किया है। श्रीप्रकाश शुक्ला (ShriPrakash Shukla) और मुन्ना बजरंगी से उनका काफी बार आमना-सामना हुआ, लेकिन हर आर दोनों बचकर भाग निकले। ये दोनों उस समय के दुर्दांत अपराधी थे, जिससे खौफ भी खौफ खाता था। इन दोनों से बड़े-बड़े अधिकारी थर्राते थे। 22 सितम्बर 1998 को अविनाश मिश्रा (Inspector Avinash Mishra) ने श्रीप्रकाश शुक्ला (ShriPrakash Shukla) को पुलिस की मुठभेड़ में मार गिराया।
श्रीप्रकाश शुक्ला (ShriPrakash Shukla) का एनकाउंटर करने वाली टीम में राजेश पांडेय, अनिवाश मिश्रा समेत पांच लोग थे, जिन्हें बाद में प्रेसिडेंट मेडल भी मिला था। इसके अलावा अविनाश मिश्रा ने सत्तू पांडेय, सचिन पहाड़ी, अवधेश शुक्ला, अशोक सिंह, महेंद्र फौजी जैसे अपराधियों का भी खात्मा किया है।
अविनाश मिश्रा (Inspector Avinash Mishra) ने मुन्ना बजरंगी से जुड़ा एक किस्सा बताया, जब मुन्ना बजरंगी के एनकाउंटर के बाद वह जिंदा हो गया था। अविनाश मिश्रा (Inspector Avinash Mishra) ने एक चैनल से बातचीत करते हुए बताया –
हम मीडिया के सामने हीरो बने हुए थे, 20 से 25 मिनट बाद ऐसी घटना हुई कि हमें अपने आप पर शर्म आई। हुआ यूं कि मुन्ना बजरंगी की हमसे दिल्ली में मुठभेड़ हुई। उस मुठभेड़ में मुन्ना बजरंगी और उसका एक साथी दोनों मारे गए। उन दोनों की डेड बॉडी लेकर हम मॉर्चरी पहुंचे, क्योंकि यह 100 परसेंट था कि दोनों मर चुके हैं। उनको मॉर्चरी में डालकर, ताला लगाकर हम वापस आ गए। 20 से 25 मिनट बाद मेसेज आया कि मुन्ना जिंदा है और उसे ग्लूकोज चढ़ रही है। यह बहुत शॉकिंग था। इतना जरूर है, जाको रखे साइयां, मार सके न कोई।”
गौरतलब है कि बाद में उत्तर प्रदेश के बागपत जिला जेल में 9 जुलाई 2018 की सुबह मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी गई थी। तत्कालीन जेलर ने कुख्यात सुनील राठी (Sunil Rathi) के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जेलर को निलंबित करते हुए न्यायिक जांच के आदेश दिए थे।