ख़म ठोंक ठेलता है जब नर, पर्वत के भी जाते पांव उखड़,
मानव जब जोर लगाता है, पत्थर भी पानी बन जाता है…
- रामधारी सिंह दिनकर
रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित उपर्युक्त पंक्तियां सूट करती हैं उत्तर प्रदेश की महिला आईएएस (IAS) ईशा दुहन (IAS Isha Duhan) पर। ईशा दुहन (IAS Isha Duhan) उत्तर प्रदेश के सख्त अधिकारियों में से एक हैं। कहा जाता है कि कोई अपने आप में कितना भी बड़ा दबंग हो, इनके आगे उसकी एक नहीं चलती। ईशा दुहन (IAS Isha Duhan) चंदौली में जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत रहते हुए चर्चा में आई थीं। जहां उन्होंने अपनी कुशलता व दिग्दर्शिका से कई विकास कार्य किए, साथ ही विभागीय स्तर के अधिकारियों पर उनका काफी दबदबा रहा। ईशा दुहन (IAS Isha Duhan) अपने सख्त तेवरों के लिए जानी जाती हैं।
ईशा दुहन को मंगलवार को पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम मेरठ के प्रबंध निदेशक के पद से ट्रांसफर करके उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल्स संघ लिमिटेड का प्रबंध निदेशक बनाया गया है। ईशा दुहन (IAS Isha Duhan) की गिनती तेज तर्रार IAS अधिकारियों में होती है। उनकी (IAS Isha Duhan) बतौर जिलाधिकारी पोस्टिंग चंदौली में पहली बार हुई। वह मेरठ में एडिशनल कमिश्नर और पश्चिमांचल विद्युत् वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) में एमडी के पद पर कार्यरत रही हैं। इससे पहले वे मेरठ में ही असि. मजिस्ट्रेट के पद पर, वाराणसी में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर, बुलंदशहर और मेरठ में मुख्य विकास अधिकारी के पद पर कार्य कर चुकी हैं। इतना ही नहीं, ईशा दुहन (IAS Isha Duhan) वाराणसी विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष भी रही हैं।

पिता से मिली IAS बनने की प्रेरणा
ईशा दुहन (IAS Isha Duhan) मूलरूप से हरियाणा के पंचकूला की रहने वाली हैं। उनके पिता ईश्वर सिंह दुहन आईटीबीपी में डीआईजी पद पर तैनात थे। जिनसे उन्हें IAS बनने की प्रेरणा मिली।
जिन्होंने 8वीं क्लास में IAS बनने की ठान ली थी। ईशा दुहन (IAS Isha Duhan) 2014 बैच की IAS अधिकारी हैं। उन्होंने UPSC की परीक्षा में 59वीं रैंक हासिल की थी। वह बायोटेक्नोलॉजी में ग्रेजुएट हैं। उन्होंने ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर में यूपीएससी की परीक्षा को क्रैक करने के लिए तैयारी शुरू की थी। हालांकि आईएएस बनने के लिए उन्होंने 8वीं कक्षा में ही मन बना लिया था। वे यूपीएससी की परीक्षा के लिए सुबह 5:30 बजे क्लास अटेंड करती थीं, जिसके बाद ही वे यूनिवर्सिटी पढने जाती थीं।

IAS Isha Duhan: अख़बार से UPSC तक का सफर
समय बीता, ईशा को धीरे-धीरे एहसास हुआ कि वे अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई खत्म करके ही यूपीएससी की तैयारी कर सकती हैं। कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने के बाद वे दिल्ली आ गईं, और समर्पित भाव से UPSC में लग गईं।
ईशा ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया था कि तैयारी के शुरूआती दिनों में उन्होंने सबसे पहले ऑप्शनल सब्जेक्ट को क्लियर करने की तैयारी की। एक बात जो कि ईशा के रूटीन में थी, वह थी- ‘अख़बार पढ़ना’। वे अख़बार नियमित रूप से प्रतिदिन पढ़ा करती थीं। अख़बारों में करंट अफेयर्स वगैरह के ढेरों डिटेल्स मिल जाते थे। इसके अलावा वे पुराने वर्षों के पेपर ज़रूर देखती थीं। पुराने पेपर्स से एग्जाम पैटर्न को समझने में काफी मदद मिलती है।