वाराणसी। उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक फेरबदल की बड़ी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने सोमवार देर रात 33 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए, जिनमें सबसे खास नाम वाराणसी मंडल के आयुक्त रहे कौशल राज शर्मा का है। उन्हें अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सचिव नियुक्त किया गया है। वाराणसी में अपने लंबे और प्रभावशाली कार्यकाल के दौरान उन्होंने जो उदाहरण प्रस्तुत किए, वह किसी भी प्रशासक के लिए प्रेरणा बन सकते हैं।
कौशल राज शर्मा वर्ष 2019 में वाराणसी के जिलाधिकारी बने थे। यह वही समय था जब भाजपा ने केंद्र में दोबारा सत्ता संभाली थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा था। कौशल राज शर्मा की कार्यशैली को देखते हुए उन्हें न केवल जिलाधिकारी बल्कि बाद में मंडलायुक्त भी बनाया गया।
उनकी कार्यप्रणाली, योजनाओं के क्रियान्वयन और जनता से जुड़ाव ने उन्हें वाराणसी की जनता के बीच बेहद लोकप्रिय बना दिया। उनके नेतृत्व में काशी ने न सिर्फ बुनियादी ढांचे में विकास देखा बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और मानवीय संवेदनशीलता की भी मिसाल कायम की।
प्रधानमंत्री की योजनाओं को ज़मीन पर उतारने में महारत
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में वाराणसी के प्रदर्शन के लिए कौशल राज शर्मा को "प्रधानमंत्री एक्सीलेंस अवार्ड" से नवाजा गया। यह सम्मान इस बात का प्रमाण है कि उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू किया। उनकी रणनीति स्पष्ट थी—योजनाएं सिर्फ कागजों में नहीं, बल्कि आमजन तक पहुंचनी चाहिए।
शिक्षा और बैकग्राउंड
कौशल राज शर्मा हरियाणा के भिवानी जिले से ताल्लुक रखते हैं। 5 अगस्त 1978 को जन्मे कौशल ने टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में एमटेक और पब्लिक पॉलिसी में एमए किया है। 2006 बैच के आईएएस अधिकारी के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश कैडर से सेवा शुरू की। प्रयागराज और कानपुर जैसे प्रमुख जिलों में जिलाधिकारी के तौर पर सेवाएं देने के बाद उनका अनुभव और दूरदर्शिता वाराणसी में पूरी तरह से नजर आई।
काशी में अमन-चैन की मिसाल
कौशल राज शर्मा का कार्यकाल उस समय शुरू हुआ जब देशभर में CAA और NRC को लेकर विवाद छिड़ा हुआ था। वाराणसी जैसे संवेदनशील शहर में भी इसकी आंच पहुंची। दिसंबर 2019 में बजरडीहा में हुए उपद्रव और पथराव की स्थिति को उन्होंने न सिर्फ कुशलता से संभाला, बल्कि पहली बार शहर में इंटरनेट सेवा को अस्थायी रूप से बंद करवाकर संभावित दंगे की स्थिति को टाल दिया।
उनकी सतर्कता और निर्णय लेने की क्षमता के चलते हालात जल्दी काबू में आ गए। शहर काजी मौलाना गुलाम यासीन के साथ मिलकर उन्होंने मुस्लिम समुदाय से संवाद किया और भरोसे का माहौल बनाया। बेनियाबाग में शाहीन बाग की तर्ज पर हो रहे विरोध प्रदर्शन को भी उन्होंने बिना हिंसा के संभाल लिया।
कोरोना काल में नेतृत्व की असली परीक्षा
मार्च 2020 में जब कोरोना महामारी ने भारत में दस्तक दी, तो वाराणसी में भी पहला मामला सामने आया। कौशल राज शर्मा ने उसी समय से कमान संभाल ली। जनता कर्फ्यू और फिर लॉकडाउन के दौरान उन्होंने न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया, बल्कि आमजन से संवाद बनाए रखा।
कालाबाजारी की शिकायतों पर खुद सादे कपड़ों में बाजारों में जाकर छापेमारी करना, भूखे जानवरों को खाना खिलाना, गरीबों को भोजन वितरण के लिए समाजसेवियों को जोड़ना—ये सब उदाहरण हैं कि वे कितने जमीनी अधिकारी हैं।
कोविड की दूसरी लहर में अद्वितीय समर्पण
2021 की दूसरी लहर कहीं अधिक घातक थी। अस्पतालों में ऑक्सीजन और दवाइयों की भारी कमी थी। ऐसे समय में जब कई नेता और अधिकारी खुद को सुरक्षित स्थानों पर ले गए, कौशल राज शर्मा हर दिन ग्राउंड पर सक्रिय रहे। किसी को बेड की ज़रूरत हो या ऑक्सीजन, वे व्यक्तिगत रूप से लोगों की मदद करते नजर आए।
पूर्व आईएएस और बीजेपी नेता ए के शर्मा के साथ मिलकर उन्होंने ऑक्सीजन आपूर्ति, अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने और रेमडेसिविर जैसी जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की।
जानवरों का भी रखा ख्याल
जब लॉकडाउन में सड़कों पर सन्नाटा पसरा था और लोग अपने घरों में थे, तब डीएम कौशल राज शर्मा सड़कों पर घूमकर न सिर्फ व्यवस्थाएं देख रहे थे, बल्कि भूखे जानवरों को खाना भी खिला रहे थे। यह संवेदनशीलता ही उन्हें आम प्रशासनिक अधिकारियों से अलग बनाती है।
विकास के नए आयाम
कौशल राज शर्मा के कार्यकाल में वाराणसी ने रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर, श्री काशी विश्वनाथ धाम परियोजना, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जैसी बड़ी परियोजनाओं को न केवल आकार लेते देखा बल्कि समयबद्ध रूप से पूर्ण भी होते देखा। रोपवे परियोजना अगले महीने शुरू होने जा रही है, जो शहरी यातायात का चेहरा बदल देगी।
प्रशासनिक कुशलता और संयम का प्रतीक
विधानसभा चुनावों के दौरान मतगणना स्थल पर जब तनाव का माहौल बना, तब भी कौशल राज शर्मा ने धैर्य और संयम से स्थिति को संभाला। किसी भी उकसावे या अपशब्द के बावजूद वे अपनी मर्यादा में रहे और पूरी रात ईवीएम की सुरक्षा सुनिश्चित करते रहे।
पीएम मोदी ने किया सम्मानित
2020 में फेम इंडिया मैगजीन ने उन्हें देश के 50 सर्वश्रेष्ठ आईएएस अफसरों की सूची में स्थान दिया। 2022 में मिला प्रधानमंत्री एक्सीलेंस अवार्ड उनकी कार्यकुशलता की राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता थी।
एक प्रशासक, जिसे नहीं भूलेंगे बनारसी
कौशल राज शर्मा ने काशी में प्रशासनिक जिम्मेदारी को सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि जनसेवा का माध्यम समझा। चाहे प्राकृतिक आपदा हो, महामारी हो या सामाजिक तनाव—हर स्थिति में उन्होंने निडरता, संवेदनशीलता और प्रबंधन क्षमता का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया।