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बेहतर पुलिसिंग और कानून व्यवस्था के लिए जाने जाते हैं IPS Prabhakar Chaudhary, जिनके 13 वर्षों में हुए 21 ट्रांसफर

“कानून सभी के लिए समान है। अगर हम इसका पालन नहीं करते हैं या इसे लागू नहीं करते हैं, तो हम कोई बड़ा सुधार नहीं ला पाएंगे। मेरा व्यक्तिगत रूप से यही मानना है।”

– आईपीएस प्रभाकर चौधरी

 

यूपी में आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) तेज तर्रार अधिकारियों में से एक माने जाते हैं। हालांकि प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) अपने कामों से ज्यादा अपने ट्रांसफर को लेकर चर्चा में रहते हैं। लेकिन कहा जाता है न कि जिनके दिलों में देश सेवा का जज्बा हो, तो उनके लिए ट्रांसफर वगैरह कोई मायने नहीं रखता।

 

30 जुलाई, 2023 (रविवार) देर शाम कांवड़ियों पर लाठीचार्ज का मामला सामने आया था। जिसके महज 4 घंटे के भीतर ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया। प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) बरेली के एसएसपी पद से ट्रांसफर कर उन्हें 32वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ भेज दिया गया।

 

आईपीएस प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) को 2010 बैच के आईपीएस हैं। उनकी पहली पोस्टिंग से अब तक यानी महज 13 वर्षों में उन्हें 21 ट्रांसफर झेलने पड़े। कोविड काल के दौरान वाराणसी में भी प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) बतौर एसएसपी नियुक्त रहे थे। कोविड के दौरान प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) का सादगी भरा पुलिसिया अंदाज लोगों को खूब पसंद आया था। उस समय ये जनता के बीच काफी लोकप्रिय रहे थे।

 

 

 

कौन हैं आईपीएस प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) ?

 

प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) का जन्म 1 जनवरी 1984 को उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर में हुआ था। उनके पिता का नाम पारस नाथ चौधरी है। प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) के मन में बचपन से ही देशसेवा का जज्बा था। जिसके लिए उन्होंने कम उम्र से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। नतीजन, उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर ली थी। वे 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।

 

उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बीएससी करने के बाद एलएलबी की पढ़ाई की। उन्हें बचपन से ही पढ़ने में रुचि थी, वह रोजाना पांच से छह घंटे पढ़ाई किया करते थे और हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में उन्हें 76 फीसदी अंक मिले, फिर उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से 61 फीसदी अंकों के साथ बीएससी की परीक्षा पास की।

 

 

तेजतर्रार लेकिन सादगी भरा जीवन

 

आईपीएस प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) को एक तेज तर्रार ऑफिसर और वीआईपी कल्चर से अलग होने के लिए जाना जाता है। उन्होंने अक्सर अपनी सादगी और औचक निरीक्षण करने की अनूठी शैली से लोगों को हैरान किया है। वह अपने अलग अंदाज के लिए भी जाने जाते हैं। उनका काम करने का स्टाइल भी बिल्कुल अलग है। ईमानदार छवि के कारण उन्हें अलग पहचान मिली हुई है।

 

एनकाउंटर कल्चर विरोधी नीति

 

आईपीएस प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) को नियम पुस्तिका के अनुसार चलने वाली पुरानी शैली की पुलिसिंग के लिए जाना जाता है। वह उत्तर प्रदेश में प्रचलित एनकाउंटर कल्चर के खिलाफ हैं। आईपीएस चौधरी को अक्सर राजनीतिक नेताओं की अपनी लाइन पर न चलने और नियम पुस्तिका के अनुसार चलने के कारण उनके गुस्से का सामना करना पड़ता है।

 

 

फ़िल्मी स्टाइल में एंट्री

 

प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) को कर्मठ पुलिस अधिकारी के रूप में पहचान मिली हुई है। 15 जून 2021 को प्रभाकर चौधरी को मेरठ एसएसपी के पद पर तैनात किया गया था। इस दौरान वे दो दिनों की छुट्‌टी पर चले गए। 17 जून तक वे मेरठ को छानते रहे। इसके बाद फिल्मी स्टाइल में उन्होंने पूरे शहर का जायजा लिया और पुलिस की कमजोरियों को देखा। उसके आधार पर अपनी योजना बनाकर काम करने लगे।

 

पिट्ठू बैग टांगकर साधारण तरीके से पहुंच गए थे दफ्तर

 

प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) सोशल मीडिया और पुलिस विभाग में उस समय चर्चा में आए थे, जब सात साल पहले कानपुर में एसपी का चार्ज लेने पिट्ठू बैग टांगकर रोडवेज बस से एसपी दफ्तर पहुंचे थे। स्टेनो से कहा था कि मैं आ गया हूं, आप सरकारी सिम मुझे दें। पुलिस के स्टेनो हैरान भी हुए कि आप कौन, जो सरकारी सिम मांग रहे हो।

 

उन्होंने अपना परिचय दिया कि मैं नया एसपी प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary), तब से उनकी की सादगी के भी सभी कायल हैं। इसी तर्ज पर उन्होंने वाराणसी में भी सिविल ड्रेस में कई स्टिंग्स खुद करके सबको चौंका दिया था।

 

यूपी के इन शहरों में कर चुके हैं सर्विस

 

आईपीएस प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) ने देवरिया, बिजनौर, बलिया, बुलंदशहर और कानपुर देहात में एसपी के पद पर काम किया है। प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) वाराणसी, मुरादाबाद, मेरठ और आगरा में एसएसपी का पदभार संभाल चुके हैं।

 

 

इन जिलों से ट्रासंफर की रही चर्चा

 

वाराणसी में वर्ष 2020 भाजपा नेताओं और पुलिसकर्मियों की आपसी झड़प और मारपीट के बाद उस समय कई पुलिसकर्मियों का वाराणसी से ट्रांसफर किया गया था। उस समय वरिष्ठ अधिकारियों में प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) का भी ट्रांसफर मुरादाबाद किया गया था। वे वाराणसी में मात्र 8 महीने रहे, लेकिन इतने कम समय में वे जनता के बीच लोकप्रिय हो गए थे।

 

वहीं जब बरेली के एसएसपी पद पर मार्च में उनका ट्रांसफर हुआ था। उन्होंने तब कहा था कि यह उनका 19वां जिले में तैनाती है। इससे पहले मेरठ के एसएसपी थे, वहां उन्होंने अपना एक साल का कार्यकाल पूरा किया था। अन्य जिलों में प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) सिर्फ छह से सात महीने का ही कार्यकाल पूरा कर पाए।

 

 

क्यों हुई कार्रवाई?

 

प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) के ट्रांसफर को लेकर कई प्रकार की बातें कही जा रही हैं। बरेली में कांवड़ियों पर लाठीचार्ज को कुछ लोग कारण बता रहे हैं। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि एसएसपी का बयान कार्रवाई का कारण बना है। दरअसल, लाठीचार्ज के बाद एसएसपी ने कहा था कि कांवड़ियों के बीच कुछ गलत लोग नशे में थे। उनके पास अवैध हथियार थे। एसएसपी के इसी बयान को लेकर मीडिया का एक वर्ग ट्रांसफर किए जाने की बात कर रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ के कानून व्यवस्था की बात को आधार बनाया जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि जिस कप्तान ने बरेली में दंगे से बचाया, उसी पर एक्शन लिया जा रहा है।

 

स्वतंत्रता दिवस पर सीएम ने किया था सम्मानित

 

बता दें कि, आईपीएस प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) ने अपने सख्त अनुशासन और माफिया और स्थानीय गिरोहों पर नकेल कसने के लिए जाने जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस 2022 के अवसर पर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी (IPS Prabhakar Chaudhary) को उनकी उत्कृष्ट प्रतिबद्धता और निस्वार्थ सार्वजनिक सेवा के लिए मुख्यमंत्री पुलिस पदक से सम्मानित किया था।

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