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तेज-तर्रार IPS सुनीति: देशसेवा के जुनून से IPS तक का सफर, अपराधियों के लिए बनीं खौफ का दूसरा नाम, सुंदर भाटी गैंग की तोड़ दी कमर - IPS Suniti
चंडीगढ़ में 18 नवंबर 1986 को जन्मी आईपीएस सुनीति ने अपने तेज-तर्रार और निडर अंदाज से उत्तर प्रदेश के कई अपराधियों के बीच अपना खौफ कायम किया है। क्राइम के खिलाफ सख्त रवैया और अपराधियों के प्रति जीरो-टॉलरेंस के साथ काम करने के लिए पहचानी जाने वाली सुनीति ने यूपी के कई कुख्यात गैंग और अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। उनके जीवन की कहानी चंडीगढ़ से शुरू होती है, जहाँ वे एक इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से होने के बावजूद देशसेवा के लिए आईपीएस बनीं।
इंजीनियरिंग से आईपीएस तक का सफर
सुनीति एक मध्यमवर्गीय परिवार में पली-बढ़ीं। उनके पिता सुरेश कुमार इंजीनियर थे और माँ अनिला एक गृहिणी थीं। उन्होंने सरकारी स्कूल से अपनी शिक्षा शुरू की, जहाँ कक्षा 5 के बाद साइकिल से स्कूल जाना उनके लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आया। उनके माता-पिता ने उन्हें हमेशा स्वतंत्र बनने के लिए प्रेरित किया, यहाँ तक कि आसपास के लोग भी उन्हें सशक्त बनाने में योगदान करते थे। साल 2002 में उन्होंने CBSE बोर्ड से 10वीं की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन में उत्तीर्ण की, और इसके बाद इंजीनियर बनने की दिशा में कदम बढ़ाया।
पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक करने के बाद, उन्हें नोएडा की एक कंपनी में 10 लाख रुपए सालाना पैकेज पर नौकरी मिली। इस नौकरी में सब कुछ था, लेकिन देशसेवा का जुनून कहीं गहराई में बैठा था। जब कंपनी ने उन्हें विदेश भेजने का प्रस्ताव दिया, तो उन्होंने अपनी इस नौकरी से इस्तीफा देकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। तीसरे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस बनने का अपना सपना पूरा किया।
पुलिस सेवा की शुरुआत
सुनीति की पहली पोस्टिंग 2015 में मथुरा जिले में हुई, जहाँ उनकी एसएसपी मंजिल सैनी थीं। मंजिल सैनी को देखते हुए सुनीति ने कई महत्वपूर्ण बातें सीखी। उनका तेज-तर्रार अंदाज और स्कूल-कॉलेजों के बाहर छेड़छाड़ के मामलों पर व्यक्तिगत रूप से कार्रवाई करना सुनीति के लिए प्रेरणादायक था। मथुरा में उन्होंने कई पॉइंट्स पर सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली और कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के प्रयास किए।
सहारनपुर से औरैया तक का सफर
मथुरा के बाद उन्हें सहारनपुर में एसीपी और फिर सीओ सिटी के पद पर जिम्मेदारी दी गई। इस दौरान बतौर सीओ सिटी उन्होंने सहारनपुर में हत्या और लूट के कई संगीन मामलों को सुलझाया। उनके इन सफल कार्यों को देखते हुए शासन ने उन्हें नोएडा में एसपीआरए का पद सौंपा। नोएडा में उन्होंने 50-50 हजार के दो इनामी अपराधियों को एनकाउंटर में गिरफ्तार किया और भाटी गैंग के कई शूटरों को पकड़कर सलाखों के पीछे भेजा।
नोएडा की अपराध स्थितियाँ अन्य जिलों से भिन्न थीं, जहाँ गुटों के बीच आपसी संघर्ष और संगठित अपराध के नेटवर्क का बोलबाला था। सुनीति ने इन अपराधी नेटवर्क को तोड़ने और कानून व्यवस्था मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया।
उनकी निपुणता और सफल कार्रवाई के बाद 2019 में उन्हें एसपी औरैया के रूप में जिले की कमान सौंपी गई। यह उनका पहला मौका था जब उन्हें पूरे जिले की जिम्मेदारी मिली थी, जो उनके लिए एक बड़ी चुनौती भी थी।
औरैया में कानून व्यवस्था की स्थापना
2019 में, उन्हें औरैया जिले का एसपी बनाया गया। यह उनका पहला मौका था जब जिले की पूरी कमान उनके हाथ में थी। कानून व्यवस्था के लिए यह एक चुनौती थी, जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक निभाया।
मार्च 2020 में नारायणपुर इलाके में एक अधिवक्ता और उनकी बहन की हत्या ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी। अपराध स्थल पर पहुँचकर जब उन्होंने मामले की गहराई से छानबीन की, तो पता चला कि जमीन विवाद के चलते एमएलसी कमलेश पाठक इस घटना के पीछे थे। सुनीति ने सबूत जुटाए और एमएलसी को अरेस्ट किया।
औरैया में महिला सुरक्षा के लिए कठोर कदम
इसी दौरान एक गैंगरेप पीड़िता ने उनसे संपर्क किया। पीड़िता ने बताया कि शिकायत करने के बावजूद महिला थाना प्रभारी ने कोई कार्रवाई नहीं की। सुनीति ने तुरंत थाना प्रभारी और अन्य संबंधित पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। उन्होंने पीड़िता की मदद की और आरोपी सैनिक समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। महिला सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए एक हेल्पलाइन भी जारी की।
इसके अतिरिक्त, औरैया में एक 5 साल की बच्ची के साथ बलात्कार के मामले में सुनीति ने तेजी से कार्रवाई की और दोषी को 24 घंटे में गिरफ्तार कर 30 दिन के अंदर सजा दिलवाई। यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में पहली बार इतनी तेजी से सुलझाया गया था, और यह उनके कार्य के प्रति समर्पण का परिचायक था।
अमरोहा में न्याय की दिशा में सख्त कदम
फरवरी 2021 में, अमरोहा जिले में एसपी रहते हुए एक युवती की हत्या का मामला सामने आया। नेहा चौधरी नाम की इस युवती का शव स्कूल के पास मिला था। जांच में पता चला कि नेहा के भाई ने ही अपनी बहन की हत्या की थी, ताकि रेप के आरोप में दर्ज मुकदमे को कमजोर किया जा सके। सुनीति ने इस मामले को सुलझाया और आरोपी को जेल भेजा।
दूसरी बार नोएडा में वापसी
कानपुर देहात में कप्तान का पद संभालने के बाद, उन्हें नोएडा में डीसीपी के तौर पर फिर से तैनात किया गया। सितंबर 2023 में बादलपुर इलाके में विवाहिता सोनी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस केस ने मीडिया का ध्यान आकर्षित किया, जिसमें पता चला कि हत्या सोनी की सास ने कराई थी।
अचीवमेंट्स और व्यक्तिगत जीवन
अपने कठिन परिश्रम और देशसेवा के लिए उन्हें डीजीपी के सिल्वर और गोल्ड मेडल से नवाजा जा चुका है। अपने व्यक्तिगत जीवन में, उन्होंने 2016 में अपने साथी अधिकारी से प्रेम विवाह किया। परिवार ने इस निर्णय में उनका साथ दिया, और उनके पेरेंट्स ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
सुनीति का जीवन एक प्रेरणा है, जिसने न केवल देशसेवा के लिए अपने आरामदायक करियर को छोड़ा, बल्कि सैकड़ों महिलाओं और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए दिन-रात एक किया।