IPS Anurag Arya: माफिया से नेता बने मुख़्तार अंसारी के काले साम्राज्य का अब अंत हो चुका है। उसे कई मुकदमों में कोर्ट ने सजा सुनाई थी। उस पर कुल 60 से अधिक मुकदमे दर्ज थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अब यूपी में कोई भी माफिया सीना तान कर नहीं कर सकता। अब किसी भी व्यापारी का अपहरण करके माफिया कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता। यूपी में कानून व्यवस्था पूरी तरह से मुस्तैद है।
उत्तर प्रदेश के माफियाओं के खिलाफ चल रही कार्रवाई के बीच अचानक 2013 बैच के तेजतर्रार IPS Anurag Arya चर्चा में आ गए हैं। अनुराग आर्य वही आईपीएस (IPS) अधिकारी हैं, जिन्होंने पहली बार माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाकर उसकी सल्तनत को मिट्टी में मिला कर रख दिया था। यूपी के मऊ जिले के खूंखार माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) पर ऐसी कड़ी कार्रवाई करने वाले अधिकारी थे।
IPS Anurag Arya: 2019-20 में मुख़्तार के 26 गुर्गों पर कार्रवाई
अनुराग आर्य (IPS Anurag Arya) ने वर्ष 2019 से 2020 तक मऊ में तैनाती के दौरान मुख्तार अंसारी गैंग पर बड़ी कार्रवाई की। उन्होंने अवैध बूचड़खाने चलाने वाले मुख्तार अंसारी गैंग के 26 गैंगस्टर के खिलाफ कार्रवाई की। साथ ही मुख्तार के शूटर अनुज कनौजिया का घर बुलडोजर से गिरवा दिया। अनुराग ने 2020 में मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) पर मुकदमा दर्ज किया। वर्ष 2013 के बाद यह पहला मौका था, जब मुख्तार पर कोई केस दर्ज हुआ। उन्होंने मुख्तार की काली कमाई के रिसोर्सेज पर हमला किया और उसके गुर्गों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की।
कौन हैं अनुराग आर्य (IPS Anurag Arya) ?
आईपीएस अनुराग आर्य (IPS Anurag Arya) यूपी के बागपत जिले के एक छोटे से गांव छपरौली के रहने वाले हैं। वे अपनी मां डॉ० पूनम आर्य और पत्नी वनिका सिंह के साथ रहते हैं। वनिका सिंह भी पीसीएस अधिकारी (PCS Officer) हैं, जबकि उनकी मां होम्योपैथी डॉक्टर हैं। आर्य के पिता भी एक डॉक्टर हैं, लेकिन उनकी मां और उनके पिता के बीच शादी के 2 साल बाद ही आपसी मतभेद के चलते तलाक हो गया था। उस समय अनुराग महज 6 महीने के थे। तलाक के बाद अनुराग की मां ने अपने साथ लेकर अपने मायके छपरौली चली आई।
इंग्लिश से खाते थे खौफ, उसे ही हथियार बनाकर बने IPS
अनुराग (IPS Anurag Arya) की सातवीं क्लास तक की पढ़ाई गांव की सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में हुई। एक वेबसाइट की खबर के मुताबिक, उस समय उन्हें इंग्लिश से काफी डर लगता था। बावजूद इसके उन्होंने इंग्लिश को ही हथियार बनाने का फैसला किया। वर्ष 2008 में उनका एडमिशन देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री स्कूल (IMS) में हो गया। यहां उनकी पर्सनालिटी काफी डेवलप हुई। इस दौरान उन्होंने घुड़सवारी माउंटेनियरिंग और राफ्टिंग जैसे स्पोर्ट्स इवेंट में कई मेडल जीते।
BHU से किया ग्रेजुएशन
इसके बाद उन्होंने यूपी के प्रसिद्ध बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से फिजिक्स में ग्रेजुएशन पूरा किया। बाद में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में एमएससी (M.Sc.) में एडमिशन ले लिया। हालांकि एमएससी में अनुराग जो सब्जेक्ट में फेल हो गए। इसके बाद उन्हें जोरो का झटका लगा था। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। कुछ दिन बाद उन्होंने यूपीएससी (UPSC) की तरफ रुख कर लिया और फाइनली तय किया कि उन्हें आईपीएस (IPS) अधिकारी बनना है।
8 महीने RBI की नौकरी के बाद बने IPS
2013 में जब अनुराग ने यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा पास की। संयोगवश उसी वर्ष उनका सिलेक्शन आरबीआई (RBI) में मैनेजर पद पर हो गया था। उन्होंने आरबीआई की नौकरी ज्वाइन भी कर ली। कानपुर में 8 महीने तक रहकर उन्होंने आरबीआई की नौकरी की। इस दौरान आईपीएस (IPS) बन गए। उनकी ऑल इंडिया रैंकिंग 163 थी, जिसके बाद उन्होंने आरबीआई की नौकरी छोड़ दी। शुरुआत में अनुराग ढाई वर्षो में 4 जिलों के एसपी (SP) बने। ढाई वर्ष के दौरान वह 6 महीने अमेठी, 4 महीने बलरामपुर, 14 महीने मऊ और 5 महीने प्रतापगढ़ में एसपी (SP) रहे।