तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक कॉलेज छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार ने पूरे राज्य को हिला दिया है। घटना के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इसे “अमानवीय और घृणित” बताया तथा पुलिस को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। पुलिस ने सोमवार देर रात मुठभेड़ के बाद तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मुठभेड़ में तीनों के पैरों में गोली लगी, जबकि एक पुलिसकर्मी भी घायल हुआ। फिलहाल तीनों आरोपी अस्पताल में इलाजरत हैं।
कोयंबटूर पुलिस कमिश्नर ए. सरवणा सुंदर ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सतीश उर्फ करुपसामी, उसका भाई कार्थी उर्फ कालीश्वरन (दोनों विरुधुनगर निवासी) और उनके रिश्तेदार गुना उर्फ थवासी (मदुरै निवासी) के रूप में की गई है। तीनों को सोमवार रात वेल्लाकिनारू इलाके से पकड़ा गया, जहां वे घटना के बाद छिपे हुए थे। पुलिस ने 300 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले, चश्मदीदों के बयान लिए और मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग के ज़रिए आरोपियों तक पहुंचने में सफलता पाई।
मुठभेड़ में तीनों को लगी गोली
सोमवार रात करीब 10.40 बजे पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी वेल्लाकिनारू इलाके में छिपे हैं। पुलिस टीम ने इलाके को चारों तरफ से घेर लिया। जब आरोपियों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हमला करने की कोशिश की, तो आत्मरक्षा में पुलिस ने फायरिंग की। तीनों को पैर में गोली लगी, जबकि एक कांस्टेबल भी इस झड़प में घायल हो गया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया।
वारदात की रात की दहशत
पुलिस जांच में सामने आया कि 2 नवंबर की रात तीनों आरोपियों ने पहले एक बाइक लूटी थी और फिर शराब पीकर कोयंबटूर एयरपोर्ट के पास की कच्ची सड़क से गुजर रहे थे। रास्ते में उन्होंने एक कार में बैठे छात्र और छात्रा को देखा। आरोपियों ने पत्थरों से कार के शीशे तोड़े, छात्र पर चाकू से हमला किया और युवती को जबरन एक सुनसान इलाके में ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। वहां न तो स्ट्रीट लाइट थी और न कोई आवाजाही। वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपी मौके से फरार हो गए।
छात्रा के घायल साथी ने किसी तरह हिम्मत जुटाकर रात 11.20 बजे पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल किया। सूचना मिलते ही पुलिस 15 मिनट के भीतर घटनास्थल पर पहुंच गई और स्थानीय लोगों की मदद से छात्रा को खोजकर अस्पताल पहुंचाया गया। फिलहाल पीड़िता का इलाज चल रहा है और उसे मनोवैज्ञानिक परामर्श (काउंसलिंग) दी जा रही है। उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने दिया सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इस जघन्य अपराध की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “ऐसे कृत्य शब्दों से परे हैं। यह मानवता पर कलंक है। मैंने पुलिस को आदेश दिया है कि एक महीने के भीतर चार्जशीट दाखिल कर दोषियों को सख्त से सख्त सज़ा दिलाई जाए।” उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि सरकार पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
आरोपियों का आपराधिक इतिहास
पुलिस जांच में पता चला कि तीनों आरोपी पहले से ही कई आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं, जिनमें हत्या, लूट और मारपीट के केस शामिल हैं। एक पुराने हत्या मामले में उनकी कोर्ट में पेशी भी चल रही थी। इस वारदात की रात उन्होंने नशे की हालत में अपराध को अंजाम दिया। फिलहाल पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और डीएनए जांच सहित सभी वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं।