संभल। भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलफाम सिंह यादव की रहस्यमयी परिस्थितियों में हत्या कर दी गई। सोमवार दोपहर अज्ञात हमलावर बाइक पर सवार होकर पहुंचे और बातचीत के दौरान उन्हें जहरीला इंजेक्शन लगाकर फरार हो गए। परिजनों के अनुसार, हत्या से पहले गुलफाम सिंह यादव ने खुद बताया था कि उन्हें जहरीला इंजेक्शन दिया गया है।
हमलावरों ने पहले बातचीत की, फिर लगाया जहरीला इंजेक्शन
परिवार के सदस्यों के अनुसार, सोमवार को गुलफाम सिंह यादव अपने घर में मौजूद थे, जहां उनके मवेशी बंधे थे। तभी बाइक पर सवार तीन युवक वहां पहुंचे और खुद को मेहमान बताते हुए बातचीत शुरू की। बातचीत के दौरान ही किसी ने उन्हें चुपके से जहरीला इंजेक्शन लगा दिया। हमला होते ही गुलफाम सिंह ने शोर मचाया, जिसके बाद आसपास के लोग इकट्ठा हो गए।
परिजन आनन-फानन में उन्हें नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) ले गए, जहां से गंभीर हालत के चलते अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा, गोली लगने की पुष्टि नहीं
मामले की गंभीरता को देखते हुए अलीगढ़ में दो डॉक्टरों की टीम ने शव का पोस्टमॉर्टम किया। रिपोर्ट के मुताबिक, उनके पेट पर सुई के घाव जैसा निशान पाया गया, जिसके आसपास का हिस्सा नीला पड़ चुका था। हालांकि, पोस्टमॉर्टम में गोली लगने की पुष्टि नहीं हुई। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर मौत के स्पष्ट कारणों का पता लगाने के लिए विसरा सुरक्षित रख लिया है।
राजनीतिक रंजिश में हत्या की आशंका, भतीजे ने किया बड़ा दावा
गुलफाम सिंह यादव के भतीजे दिनेश यादव ने उनकी हत्या को राजनीतिक साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि उनके चाचा के परिवार की गांव और ब्लॉक स्तर पर मजबूत राजनीतिक पकड़ थी। उनके बड़े बेटे ने ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गया था। इसी कारण उनकी राजनीतिक दुश्मनी चली आ रही थी।
दिनेश यादव ने दावा किया कि चाचा को जहरीला इंजेक्शन देने के अलावा गोली भी मारी गई थी। हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली लगने की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि हत्या के वक्त गांव के कुछ लोगों ने संदिग्ध युवकों को घटनास्थल के पास देखा था, लेकिन वे पहचान नहीं पाए।
भाजपा नेता की मौत से समर्थकों में आक्रोश, भारी पुलिस बल तैनात
भाजपा नेता की हत्या की खबर जैसे ही फैली, उनके समर्थकों का उनके गांव में जुटना शुरू हो गया। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। इलाके में तनाव को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है।
संभल के एसपी कृष्ण बिश्नोई ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए चार पुलिस टीमों का गठन किया गया है। पुलिस गांव और हाईवे के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, जिससे हत्यारों का सुराग लगाया जा सके।
गुलफाम सिंह यादव का राजनीतिक सफर
गुलफाम सिंह यादव संभल जिले की गुन्नौर विधानसभा सीट से भाजपा के प्रभावशाली नेता थे। उन्होंने 2004 में समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक और तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ उपचुनाव लड़ा था। हालांकि, उन्हें इस चुनाव में सिर्फ 6,941 वोट मिले, जबकि मुलायम सिंह यादव को 1,95,213 वोटों से प्रचंड जीत मिली थी।
इसके बाद 2007 में भी उन्होंने भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार उन्हें केवल 3,200 वोट मिले और वह चौथे स्थान पर रहे।
राजनीति में सक्रिय परिवार, पत्नी लगातार तीन बार प्रधान
गुलफाम सिंह यादव का परिवार राजनीति में सक्रिय है। उन्होंने लेखपाल की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा था और अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य भी रह चुके थे। उनकी पत्नी जावित्री यादव लगातार तीन बार से गांव की प्रधान हैं।
उनके दो बेटे और छह बेटियां हैं। सभी बेटियों की शादी हो चुकी है। बड़े बेटे दिव्य प्रकाश यादव राजनीति में सक्रिय हैं और पूर्व में ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं। छोटे बेटे विकास यादव खेती करते हैं।
हत्या के पीछे क्या राजनीतिक साजिश? पुलिस जांच में जुटी
भाजपा के अलीगढ़ जिला महामंत्री शिवेंद्र शर्मा ने गुलफाम सिंह यादव की हत्या को बड़ी साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, "गुलफाम यादव भाजपा के वरिष्ठ नेता थे और कई चुनाव लड़ चुके थे। उनकी हत्या दुखद घटना है। दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। हर एंगल से जांच की जा रही है।"
हत्या के पीछे राजनीतिक रंजिश, आपसी विवाद या अन्य कोई साजिश थी, यह जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर हत्यारों की तलाश में जुटी हुई है।