वाराणसी/प्रयागराज। धर्म एवं आध्यात्मिक की नगरी काशी में महाकुंभ के श्रद्धालुओं की भीड़ फिलहाल कम नहीं होने वाली है।माघी पूर्णिमा पर अगले 24 घंटे में लगभग 50 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है।
वर्तमान में यहां 15 से 20 लाख श्रद्धालु डेरा डाले हुए हैं। इनमें आम श्रद्धालुओं के साथ ही नागा साधु और अखाड़ों के संत शामिल हैं। इनमें कई देशों से भी आए एनआरआई भी शामिल हैं, जो कि रविदास जयंती में शामिल होने के लिए यहां आए हैं। बुधवार को माघी पूर्णिमा और रविदास जयंती के अवसर पर काशी में अप्रत्याशित भीड़ उमड़ेगी।
वर्तमान में महाकुंभ के पलट प्रवाह के कारण वाराणसी में पैर रखने की भी जगह नहीं है। सड़क, गलियां, घाट सब हाउसफुल हैं। बाबा विश्वनाथ के दर्शन को ढाई किलोमीटर तक लाइन लगी हुई है, वहीं काशी की कोतवाल काल भैरव के दर्शन के लिए लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर मछोदरी तक लाइन लगी हुई है। इसके अलावा काशी के संकट मोचन, दुर्गा मंदिर आदि देवालयों में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा है। काशी में स्टेशन पर इस कदर भीड़ उमड़ रही है कि लोग जबरन बोगियों में घुस रहे हैं और ट्रेन के दरवाजे पर लटककर यात्रा कर रहे हैं।
भीड़ के कारण वाराणसी के बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन पर भी काफी भीड़ नजर आ रही है। प्रयागराज, वाराणसी हाईवे पर लगभग 5 किलोमीटर लंबी वाहनों की कतार नजर आ रही है। हालत यह हैं कि 2 घंटे का सफर बड़ी मुश्किल से 5 से 7 घंटे में तय हो रहा है। ऐसे में इस जाम में फंसकर श्रद्धालु भूख और प्यास से व्याकुल हो जा रहे हैं। बावजूद इसके श्रद्धालुओं के उत्साह और उमंग में कोई कमी नहीं है। महाकुंभ में इस समय इतनी भीड़ उमड़ रही है, यह दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर हो गया है।
प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु इस समय काशी, अयोध्या, मथुरा और विंध्याचल जा रहे हैं। ऐसे में इन शहरों में अप्रत्याशित भीड़ नजर आ रही है। होटल, गेस्ट हाउस, लॉज सब कुछ फूल है, कहीं भी पांव रखने को जगह नहीं है। प्रशासन की ओर से इन शहरों में भीड़ को देखते हुए अस्थायी रैन बसेरे भी बनाए गए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इनका निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया जा रहा है। वहीं इस भीड़ में सुरक्षा व्यवस्था भी काफी तगड़ी है। पुलिस, एटीएस, एलआईयू आदि प्रमुख एजेंसियां भी इस भीड़ पर अपनी नजर जमाए हुए हैं। इसके अलावा काशी और प्रयागराज की भीड़ की निगरानी शासन स्तर से की जा रही है। कहीं से कोई चूक न होने पाए, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं।
फिलहाल काशी की भीड़ कम नहीं होने वाली है। माघी पूर्णिमा पर 50 लाख श्रद्धालुओं के यहां आने की संभावना है। वहीं महाशिवरात्रि और होली पर भी आस्था का सैलाब उमड़ेगा। ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।