नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 27 साल बाद सत्ता में वापसी करती दिख रही है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा 70 में से 43 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) 27 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है।
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान हुआ था, जिसमें 60.54% वोटिंग दर्ज की गई थी। एग्जिट पोल में भी भाजपा को बढ़त मिलने का अनुमान था, जिसमें 12 पोल ने भाजपा और 2 पोल ने AAP को जीत की संभावना जताई थी।
27 साल बाद भाजपा को मिल सकता है बहुमत
दिल्ली में भाजपा की सरकार आखिरी बार 1993 में बनी थी। तब पार्टी ने 49 सीटें जीती थीं और 5 साल में तीन मुख्यमंत्री बदले थे—मदनलाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज। इस बार भाजपा बहुमत की ओर बढ़ रही है, जिससे 27 साल बाद पार्टी की सत्ता में वापसी तय मानी जा रही है।
9 हॉट सीटों में AAP सिर्फ 2 पर आगे
दिल्ली की कुछ प्रमुख सीटों पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।
सीट AAP प्रत्याशी भाजपा प्रत्याशी स्थिति
नई दिल्ली अरविंद केजरीवाल प्रवेश वर्मा AAP पीछे
जंगपुरा मनीष सिसोदिया तरविंदर सिंह मारवाह AAP आगे
कालकाजी आतिशी रमेश बिधूड़ी बीजेपी आगे
बाबरपुर गोपाल राय अनिल कुमार AAP आगे
शकूर बस्ती सत्येंद्र जैन करनैल सिंह बीजेपी आगे
मालवीय नगर सोमनाथ भारती सतीश उपाध्याय बीजेपी आगे
ग्रेटर कैलाश सौरभ भारद्वाज शिखा राय बीजेपी आगे
ओखला अमानतुल्लाह खान मनीष चौधरी बीजेपी आगे
पटपड़गंज अवध ओझा रवींद्र सिंह नेगी बीजेपी आगे
CM आतिशी समेत AAP के 3 मंत्री पीछे
दिल्ली की मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी सहित AAP के कई बड़े नेता भाजपा प्रत्याशियों से पीछे चल रहे हैं।
• आतिशी (कालकाजी) भाजपा के रमेश बिधूड़ी से 1342 वोटों से पीछे।
• सौरभ भारद्वाज (ग्रेटर कैलाश) भाजपा की शिखा राय से 2583 वोटों से पीछे।
• राघवेंद्र शौकीन (नांगलोई जाट) भाजपा के मनोज शौकीन से 2038 वोटों से पीछे।
• गोपाल राय (बाबरपुर) भाजपा के अनिल वशिष्ठ से 8995 वोटों से आगे।
• इमरान हुसैन (बल्लीमारन) भाजपा के कमल बागरी से 1834 वोटों से आगे।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
भाजपा का बयान
भाजपा नेता नलिन कोहली ने कहा, "दिल्ली की जनता अब AAP के साथ नहीं है। भाजपा अपने संकल्प पत्र के सभी वादे पूरे करती है, जबकि AAP केवल बातें करती है।"
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "दिल्ली के लोग अब एक्सपेरिमेंट की राजनीति से तंग आ चुके थे। पीएम मोदी की गारंटी पर जनता ने भरोसा जताया है।"
AAP की प्रतिक्रिया
AAP नेताओं ने अभी औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन मुख्यमंत्री आतिशी और अन्य वरिष्ठ नेता लगातार पार्टी कार्यालय में रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं।
कांग्रेस का बयान
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, "जनता का फैसला स्वीकार है। हमें लगा कि हम मुद्दों के आधार पर चुनाव जीत सकते थे, लेकिन लोग सोच रहे थे कि कांग्रेस सरकार नहीं बना सकती।"
AAP और कांग्रेस का अलग-अलग लड़ना पड़ा भारी
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा, "अगर AAP और कांग्रेस ने गठबंधन किया होता, तो भाजपा को हराया जा सकता था। दोनों पार्टियों का प्रमुख विरोधी भाजपा थी, लेकिन वे अलग-अलग लड़े, जिसका फायदा भाजपा को मिला।"
अगर भाजपा इस बढ़त को बनाए रखती है, तो दिल्ली में 27 साल बाद भगवा सरकार की वापसी होगी। AAP को भारी नुकसान होता दिख रहा है, और अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद से पार्टी के लिए यह पहला बड़ा झटका साबित हो सकता है।