पैसे की लालच में चचेरी दादी ने नाबालिग को बेच दिया, अपहरण के बाद थाने में दरोगा ने किया रेप, मुजक्किर ने 16 दिन तक कैद में रखा

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उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक नाबालिग लड़की, जिसे तमिलनाडु से बरामद कर लाया गया था, उसी पुलिस थाने में दरोगा ने उससे रेप किया, जहां उसे सुरक्षा दी जानी थी। यह मामला कादरचौक थाना क्षेत्र से जुड़ा है और अब DIG बरेली की निगरानी में इसकी जांच हो रही है।


चचेरी दादी ने ही कर दिया सौदा


पीड़िता मूलतः एक गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखती है। परिवार के मुताबिक, गांव की ही एक महिला ममता, जो पीड़िता की चचेरी दादी लगती है, पुराने जमीनी विवाद की रंजिश में उसका सौदा कर बैठी। ममता के घर पर अक्सर बाहरी लोगों का आना-जाना रहता था, और उन्हीं में से एक मुजक्किर नाम के युवक से ममता ने अपनी चचेरी पोती को बेचने की साजिश रच डाली।


लड़की ने बताया कि 9 जून को जब वह खेत से लौट रही थी, तभी सफेद रंग की एक गाड़ी में सवार ममता, मुजक्किर, बिलाल और पप्पू उसे जबरन उठाकर ले गए। पहले बदायूं के बस स्टैंड, फिर दिल्ली और अंत में चेन्नई तक ले जाया गया। वहां से उसे मुजक्किर किसी अनजान शहर में ले गया, जहां उसने उसे 16 दिन तक कैद में रखा।

 


बरामदगी के बाद भी नहीं मिली राहत


तमिलनाडु पुलिस की सूचना पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक टीम गठित की, जिसमें एक महिला सिपाही पूजा, सिपाही मोहित और दरोगा हरिओम शामिल थे। ये तीनों पीड़िता को लेकर चेन्नई से ट्रेन के जरिए वापस उत्तर प्रदेश लौटे।


लड़की ने आरोप लगाया कि सफर के दौरान ही दरोगा हरिओम ने उससे अनुचित व्यवहार शुरू कर दिया। ट्रेन में छेड़छाड़ की कोशिश की गई, लेकिन वह डर के मारे कुछ बोल नहीं पाई। जब 23 जून की सुबह बदायूं पहुंची और कादरचौक थाने ले जाया गया, तब महिला सिपाही और सिपाही मोहित उसे थाने पर छोड़कर चले गए, जबकि दरोगा हरिओम वहीं रह गया।


थाना परिसर में ही किया गया दुष्कर्म


पीड़िता के अनुसार, हरिओम ने थाना परिसर में बने अपने आवास पर बुलाकर पहले बहाने से बातचीत की और फिर उसे अकेले कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया। लगभग 15 मिनट तक वह कमरे में रहा और फिर उसे वापस भेज दिया। दरोगा ने धमकी दी कि अगर उसने कुछ बताया तो उसे जेल भेज दिया जाएगा।


इसके बाद उसी दिन यानी 23 जून को पीड़िता को वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया, जहां उसे दोबारा धमकाया गया कि वह इस घटना का जिक्र किसी से न करे।


अदालत में दिया बयान, DIG ने ली जांच अपने हाथ में


गंभीर आरोपों के बाद पीड़िता ने साहस दिखाते हुए बदायूं के CJM कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया। उसने दरोगा हरिओम पर दुष्कर्म और अन्य पुलिसकर्मियों पर लापरवाही के आरोप लगाए। साथ ही ममता, मुजक्किर, बिलाल और पप्पू के खिलाफ अपहरण का केस बताया।


इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एसपी अंशिका वर्मा ने पीड़िता और उसके परिजनों से अलग-अलग गोपनीय बयान दर्ज किए। सीओ उझानी देवेंद्र सिंह ने थाने में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की। रिपोर्ट के अनुसार, दरोगा हरिओम का व्यवहार संदेहास्पद पाया गया है।


DIG बरेली रेंज ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वतंत्र जांच के आदेश दिए हैं। एसपी देहात केके सरोज ने भी पुष्टि की है कि थाने से चेन्नई रवाना हुई पुलिस टीम में दरोगा, महिला सिपाही और एक सिपाही शामिल थे, और 23 जून को ही पीड़िता की बरामदगी के बाद उसे वन स्टॉप सेंटर भेजा गया था।

 


पीड़िता का पारिवारिक और आर्थिक संघर्ष


लड़की के पिता एक किसान हैं और करीब 3 बीघा जमीन पर खेती करते हैं। इसके अलावा गांव के अन्य बड़े किसानों की जमीन भी बंटाई पर लेकर खेती करते हैं। घर में कुल 6 भाई-बहन हैं, जिनमें 5 बहनें और 2 भाई शामिल हैं। परिवार पशुपालन भी करता है और दूध बेचकर गुजारा करता है।


इस घटना ने पीड़िता के पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। उन्हें न्याय की उम्मीद अब सिर्फ पुलिस विभाग की निष्पक्षता और न्यायपालिका से है।


दरोगा से जवाब मांग रही है व्यवस्था


मीडिया द्वारा बार-बार संपर्क करने के बावजूद आरोपी दरोगा हरिओम ने अपना पक्ष नहीं रखा और फोन उठाने से बचते रहे। वहीं, पुलिस मुख्यालय ने आश्वासन दिया है कि जांच के बाद साक्ष्यों के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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