कुशीनगर/जबलपुर। एक सीधे-साधे शिक्षक की जिंदगी सोशल मीडिया पर फैले एक वीडियो की वजह से छिन गई। मध्य प्रदेश के जबलपुर निवासी इंद्र कुमार तिवारी को शादी का झांसा देकर उत्तर प्रदेश के कुशीनगर बुलाया गया, जहां उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह खौफनाक वारदात एक मुस्लिम युवती शाहिदा उर्फ ‘खुशी’ और उसके प्रेमी कौशल की सुनियोजित साजिश थी, जिसे दोनों ने पैसों और गहनों के लालच में अंजाम दिया।
जबलपुर के मझौली तहसील स्थित पड़वार गांव के निवासी शिक्षक इंद्र कुमार तिवारी, कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के प्रवचन शिविर में शामिल हुए थे। शिविर के दौरान उन्होंने सार्वजनिक रूप से बताया था कि उनके पास 18 एकड़ जमीन है, लेकिन उम्र 45 पार होने के बावजूद शादी नहीं हो सकी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और वहीं से शुरू हुई उनकी मौत की पटकथा।
इस वीडियो को देख शाहिदा और उसके बॉयफ्रेंड कौशल ने इंद्र कुमार को अपने ठगी का निशाना बनाने का फैसला किया। प्लानिंग के तहत इंद्र का फोन नंबर खोज निकाला और खुद को 'खुशी तिवारी' के भाई के रूप में इंट्रोड्यूस करते हुए 17 मई को पहली बार कॉल किया। फिर एक फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर शाहिदा ने ‘खुशी तिवारी’ बनकर इंद्र से बात शुरू की और प्रेमजाल में फंसा लिया।
जाली रिश्तेदारी और नकली मोहब्बत
कुछ ही दिनों में बात इतनी आगे बढ़ी कि शाहिदा और कौशल ने शादी का नाटक रच डाला। 26 मई को कौशल इंद्र से जबलपुर मिलने पहुंचा और खुशी की फोटो दिखाकर उसे अपनी बहन बताया। इसके बाद दोनों परिवारों की ओर से शादी तय हो गई। गोरखपुर में 5 जून की तारीख तय हुई और इंद्र ने रिश्ते की सच्चाई पर भरोसा करते हुए कौशल को 1100 रुपये का शगुन भी दिया।
शादी की तैयारी के लिए इंद्र कुमार ने अपनी एक एकड़ जमीन गिरवी रखी और लगभग डेढ़ लाख रुपये जुटाए। उन्होंने इससे गहने बनवाए, और कुछ पारंपरिक आभूषण भी साथ लिए। 2 जून को वे गोरखपुर पहुंचे और 3 जून से होटल में ठहरे।
मंदिर में शादी और मौत की ओर बढ़ते कदम
5 जून को गोरखपुर के एक मंदिर में इंद्र कुमार और ‘खुशी तिवारी’ की शादी कराई गई। शादी की तस्वीरें इंद्र ने अपने गांव और परिजनों को भेजीं और बताया कि 6 जून को वे पत्नी को लेकर घर लौटेंगे। पर शादी के तुरंत बाद ही उन्हें युवती के व्यवहार पर शक होने लगा। जब उन्होंने खर्च और गहनों के बारे में पूछा, तो बहानेबाज़ी शुरू हो गई।
खुशी और कौशल ने तब उन्हें समझाया और अपने गांव दिखाने के बहाने कुशीनगर जिले के चक नीलकंठ गांव चलने को कहा। शाम होते-होते तीनों वहां पहुंचे, जहां पहले से रची साजिश के अनुसार चाकू से वार कर इंद्र कुमार की हत्या कर दी गई और शव को झाड़ियों में फेंक दिया गया। उनके पास से न मोबाइल मिला, न गहने, न ही नकदी।
गुमशुदगी से लेकर शव की शिनाख्त तक
6 जून को कुशीनगर पुलिस को झाड़ियों में एक लावारिस शव मिला। 8 जून को जब जबलपुर में इंद्र कुमार के परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई तो पुलिस को शव के बारे में सूचना दी गई। जब मझौली थाना पुलिस ने कुशीनगर से संपर्क किया और परिवार को मौके पर भेजा गया, तब पहचान हुई कि शव इंद्र कुमार तिवारी का ही है।
पुलिस ने सबसे पहले इंद्र द्वारा भेजी गई शादी की तस्वीरों को आधार बनाकर जांच शुरू की। जब उनके फोन पर कॉल किया गया तो वह चालू मिला, लेकिन जैसे ही कॉल हुई, युवती ने फोन बंद कर दिया और फरार हो गई।
27 जून को गिरफ्तारी, पूरी साजिश का खुलासा
करीब तीन हफ्तों की तलाश और तकनीकी सर्विलांस के बाद पुलिस ने 27 जून को खुशी उर्फ शाहिदा और उसके साथी कौशल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में शाहिदा ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और सारी योजना का खुलासा किया।
जांच में पता चला कि शाहिदा देवरिया की रहने वाली है और मुस्लिम समुदाय से है। उसने पूरी साजिश को हिंदू बनकर अंजाम दिया और ‘खुशी तिवारी’ के नाम से नकली आईडी बनाकर इंद्र कुमार को फांस लिया। उसकी नियत शुरू से ही इंद्र की जमीन, जेवर और नकदी पर थी। उसने पहले प्रेम का नाटक रचा, फिर मंदिर में विवाह किया और सुहागरात के नाम पर उसे मौत के मुंह में धकेल दिया।
रिपोर्ट – बदरी गुरु